One kilo of tea costs Rs 9 crore
सत्यखबर, नई दिल्ली।
आप भी बैड टी के शौकिन होंगे. या फिर दफ्तर में काम की थकान भी इसी चाय से उतरती होगी. सभी की सुबह चाय की चुस्कियों के साथ शुरू होती है. हर किसी को अलग-अलग ब्रांड की चाय पसंद होती है और उनका बजट भी अलग-अलग होता है. अगर आप भी चाय के शौकीन हैं, तो हम बता रहे हैं दुनिया की 5 सबसे महंगी चाय यानि Most Expensive Tea के बारे में. इनके दाम सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे.
इनमें तो कुछ चाय की पत्ती की कीमत तो इतनी है कि एक किलो चाय के दाम में आप नौ लग्जरी फ्लैट खरीद सकते हैं. चाय पीने वालों की तादाद दुनियाभर में बहुत ज्यादा है. इसे सिर्फ एक पेय पदार्थ ही नहीं, बल्कि एक बूस्टर की तरह माना जाता है, जो आपकी नींद की खुमारी को दूर करने में कारगर नुख्सा है. भारत से लेकर जापान तक, चीन से लेकर तुर्की तक हर कोई चाय के स्वाद से वाकिफ है. चाय के कई लग्जरी ब्रांड ऐसे भी हैं, जिन्हें विशेष तौर पर तैयार किया जाती है. इनकी खेती में बहुत सावधानी बरती जाती है और जब ये बाजार में आती हैं, तो इनकी कीमत इतनी होती है कि हर किसी की पहुंच इन तक नहीं हो पाती.One kilo of tea costs Rs 9 crore
दुनिया की सबसे महंगी चाय के बारे में बात करें, तो यह इसकी पैदावार चीन में की जाती है. इस चाय का नाम है दा-होंग-पाओ-टी. यह चाय चीन के फुजियान प्रांत के वुई पहाड़ों में उगाई जाने वाली दुनिया की सबसे महंगी चाय है और इसकी दुर्लभता के लिए इसे राष्ट्रीय खजाना तक घोषित किया जा चुका है. इसकी कीमत की बात करें तो करीब 1.2 मिलियन डॉलर प्रति किलोग्राम है. यानी 9 करोड़ रुपये से ज्यादा. इस चाय ने साल 2005 में नीलामी की रिकॉर्ड बनाया था. इस दौरान करीब 20 ग्राम दा-हांग पाओ चाय लगभग 30,000 डॉलर में बेची गई थी. इस चाय के इतिहास चीन के मिग राजवंश से जुड़ा हुआ है.
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दूसरी सबसे महंगी चाय भी चीन से ही आती है. इस चाय का नाम पांडा-डंग टी है. इसका ये नाम दरअसल इसलिए रखा गया है क्योंकि इस चाय की खेती के लिए पांडा भालू के गोबर का इस्तेमाल उर्वरक के रूप में किया जाता है. पांडा-डंग चाय की खेती सबसे पहले दक्षिण-पश्चिम चीन के एक उद्यमी अन यंशी ने की थी. रिपोर्ट के मुताबिक, पांडा गोबर को हाई एंटीऑक्सीडेंट के साथ कई हेल्थ बेनिफिट्स वाले गुणों के लिए जाना जाता है. इस चाय की कीमत की बात करें तो एक किलो पांडा डंग चाय के लिए आपको करीब 70,000 डॉलर यानी 57 लाख रुपये से ज्यादा खर्च करने होंगे.
दुनिया की महंगी चाय के मामले में तीसरे नंबर पर सिंगापुर में पैदा होने वाली येलो गोल्ड टी बड्स का नाम आता है. ये अपने आप में दुर्लभ और इसकी पत्तियां सोने की तरह चमकती हुई सुनहरी होती हैं. इसकी खास बात ये है कि इस चाय की खेती के दौरान इसकी पत्तियों को साल में केवल एक ही बार काटा जाता है और वो भी सोने की कैंची से इसकी कटाई की जाती है.One kilo of tea costs Rs 9 crore
इस चाय को चीनी सम्राटों की चाय के तौर पर भी जाना जाता है. इसकी पत्तियों को सोने की कैंची से काटने के बाद धूप में सुखाया जाता है और फिर चाय की पत्तियों पर खाद्य 24-कैरेट गोल्ड फ्लेक्स का छिड़काव किया जाता है. इस चाय की कीमत लगभग 7,800 डॉलर यानि 6 लाख रुपये से ज्यादा प्रति किलोग्राम है.
चाय के मामले में भारत भी पीछे नहीं है और यहां इसके शौकीनों की तादाद के साथ ही कई अलग तरह से उगाई और बनाई जाती है. दुनिया में चौथी सबसे महंगी चाय भारत से ही आती है. सिल्वर टिप्स इंपीरियल टी (Silver tips Imperial tea) की खास बात ये है कि इसके पौधों से पत्तियां सिर्फ पूर्णिमा की रातों के दौरान ही तोड़ी जाती हैं और वो भी विशेषज्ञ के द्वारा पूरी सावधानी से. यह एक प्रकार की ऊलोंग चाय है, जिसे दार्जिलिंग (Darjeeling) की ढलान वाली पहाड़ियों पर मकाइबारी टी एस्टेट में काटा जाता है.
सिंगापुर की येलो गोल्ड टी बड्स की तरह ही इसकी पत्तियां चांदी की सुईयों की तरह नजर आती हैं. इनका स्वाद भी खास होता है. ये भारत की सबसे महंगी चाय भी है. साल 2014 में एक नीलामी के दौरान इसे 1,850 डॉलर (1,50,724 रुपये) प्रति किलोग्राम बेचा गया था.
लिस्ट में पांचवें नंबर पर एक ग्रीन टी है, जो खासतौर पर जापान में उगाई जाती है. ग्योकुरो नामक इस चाय को उच्चतम ग्रेड की ग्री-टी माना जाता है. ग्योकुरो का जापानी भाषा में मतलब ‘मोती ओस’ या ‘जेड ड्यू’ होता है. इसकी खेती उजी जिले (Uji District) में की जाती है. Gyokuro चाय की खोज सबसे पहले साल 1835 में Kahei Yamamoto VI द्वारा की गई थी. इस चाय की कीमत लगभग 650 डॉलर या 52,960 रुपये प्रति किलोग्राम है. इसे पुआल की छाया (straw mats) में उगाया जाता है. इस प्रकिया के जरिए पौधे को L-theanine amino acid बनाए रखने में मदद मिलती है और चाय में उमामी फ्लेवर बढ़ता है.
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