सत्य खबर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज : Private doctors in Gurugram went on a one-day strike on Tuesday.
गुरुग्राम में मंगलवार को आइएमए के आह्वान पर निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने एक दिन की हड़ताल की रखी। प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टरों की यह हड़ताल राजस्थान सरकार के राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में है। हड़ताल से शहर के छोटे अस्पताल और क्लिनिक में ओपीडी सेवाएं प्रभावित रही तो बड़े अस्पतालों के प्रतिनिधित्व ने भी हड़ताल में भाग लिया।
आइएमए गुरुग्राम के पदाधिकारियों ने कहा कि शहर में करीब 200 से अधिक छोटे बडे अस्पताल व क्लीनिक खुले हुए हैं। उन सभी में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। बता दें कि आइएमए गुरुग्राम में 700 से अधिक डाक्टर हैं और 24 घंटे की हड़ताल में सभी डॉक्टरों का योगदान रहा है। मंगलवार को आइएमए के पदाधिकारी शमा टूरिज्म कांप्लेक्स परिसर में एकत्र हुए और राजस्थान सरकार द्वारा लाए गए नए राइट टू हेल्थ बिल का विरोध किया। राजस्थान प्रदेश के प्राइवेट डॉक्टर पिछले करीब 14-15 दिन से हड़ताल पर चल रहे हैं।
उनके समर्थन में हरियाणा के डॉक्टरों ने भी मंगलवार को 1 दिन की हड़ताल कर अपना समर्थन दिया है। आइएमए के डॉक्टरों का कहना है कि अगर सरकार नहीं मानी, तो राष्ट्रीय स्तर पर आइएमए का जो आदेश होगा, एकजुट होकर सरकार के खिलाफ अनशन जारी रखेंगे। इस मौके पर डॉक्टर अशोक तनेजा, डॉक्टर अजय अरोड़ा, डॉक्टर अल्का माथूर, डॉक्टर संजीव चौधरी, डॉक्टर सुमित सिंह, डॉक्टर धीरज गुप्ता, डॉक्टर पीडी पाहवा, डॉक्टर कपिल मिढ़ा, डॉक्टर सुमन यादव के अलावा बड़ी संख्या में शहर के डाक्टर उपस्थित थे।
आइएमए के डॉक्टरों की हड़ताल को आयुर्वेद डॉक्टरों का भी समर्थन मिला। नीमा के प्रधान डॉक्टर सौरभ गुप्ता और सचिव डॉक्टर राकेश खड़गवाल ने कहा कि भविष्य में भी आइएमए की हड़ताल को समर्थन करेंगे।
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आइएमए गुरुग्राम के प्रधान डॉक्टर दीपक भाटिया ने कहा कि डाक्टर के पास मरीज आपातकालीन स्थिति में ही पहुंचता है और ऐसे में निशुल्क इलाज देना डाक्टर के बड़ा ही मुश्किल है। डाक्टर ने अस्पताल कैसे कर्ज लेकर बनाया है और अस्पताल में क्या खर्च हो रहा है यह कभी किसी ने जानने की कोशिश नहीं की। स्वास्थ्य का अधिकार बिल लाकर राजस्थान सरकार अपनी राजनीति चमका रही है लेकिन डॉक्टरों का कितना बड़ा नुकसान हो रहा है। इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। डॉक्टरों का नए कानून में काम करना बड़ा ही मुश्किल है। वही आइएमए गुरुग्राम सचिव डॉक्टर उमेश गुप्ता ने कहा कि हम आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज करते हैं। उन मरीजों के इलाज का बिल कई-कई महीने तक नहीं मिलता है। अगर प्राइवेट अस्पताल मरीजों को निशुल्क इलाज देते रहे, तो आधुनिक मशीनें और सुविधा कहां से आएगी। सरकार को सोचना चाहिए कि सरकार सुविधा दे नहीं पा रही है और प्राइवेट अस्पताल सुविधा दे रहे हैं, तो ऐसे कानून बनाकर उन सुविधाओं को खत्म करने का काम किया जा रहा है। जिसको लेकर डाक्टरों में सरकार के प्रति रोष है। Private doctors in Gurugram went on a one-day strike on Tuesday.
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