सत्य खबर,चंडीगढ़, सतीश भारद्वाज :
Punjab and Haryana High Court recommended dismissal of Fazilka judge from service
पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय ने एक न्यायिक अधिकारी को सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की है। यह मामला जज प्रदीप सिंघल की सेवाएं ख़त्म करने का निर्णय बीते गत दिनों एक पूर्ण अदालत की बैठक के दौरान आया था।
न्यायिक अधिकारी वर्तमान में फाजिल्का में अतिरिक्त सिविल जज, सीनियर डिवीजन-सह-न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के पद पर तैनात थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उच्च न्यायालय ने अक्टूबर 2019 से अब तक 15 न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है,जिसमें से पंजाब के 7 और हरियाणा के 8 अधिकारी शामिल हैं, बताया जाता है, कि तब से अभी तक चार न्यायिक अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है, जिम दो पंजाब के तथा दो हरियाणा के बताए गए हैं। वहीं पंजाब से एक और हरियाणा से तीन न्यायिक अधिकारियों को कोर्ट ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है,उच्च न्यायालय की सतर्कता शाखा द्वारा उनके खिलाफ आरोपों की विस्तृत जांच किए जाने के बाद, मुख्य न्यायाधीश रवि शंकर झा और अन्य न्यायाधीशों की मौजूदगी वाली पूर्ण अदालत के समक्ष उनकी सेवा में बने रहने का मुद्दा विस्तृत चर्चा के लिए आया। पूर्ण न्यायालय बैठक का शाब्दिक अर्थ है वह बैठक जिसमें उच्च न्यायालय के सभी न्यायाधीश भाग लेते हैं। यह न्याय प्रदान करने से संबंधित प्रशासनिक मुद्दों और अधीनस्थ न्यायपालिका से संबंधित न्यायिक अधिकारियों और अन्य संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए नियमित रूप से आयोजित किया जाता है। ऐसी बैठकों के दौरान स्थानांतरण, पोस्टिंग, पदोन्नति और न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई जैसे निर्णय लिए जाते हैं।
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यह लगातार दूसरी बार है कि उच्च न्यायालय ने प्रशासनिक स्तर पर अपने ही न्यायिक अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की है। लगभग एक सप्ताह पहले ही इसने फरीदाबाद के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-सह-न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) हरीश गोयल की सेवाओं को निलंबित कर दिया था। उन पर लगे आरोप उस समय के हैं जब वह करनाल में तैनात थे।
मुख्य न्यायाधीश झा के कार्यकाल के दौरान, पूर्ण न्यायालय अधीनस्थ न्यायपालिका में भ्रष्टाचार, अनुशासनहीनता, शालीनता और अन्य कारकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है। इसने अब तक दो दर्जन से अधिक न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू की है, जिससे अधीनस्थ न्यायपालिका के बीच शून्य सहिष्णुता का एक मजबूत संदेश भेजा गया है। उपलब्ध जानकारी से पता चलता है कि अक्टूबर 2019 से अब तक 15 न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है, जिनमें पंजाब राज्य के सात और हरियाणा प्रदेश के आठ अधिकारी शामिल हैं।
Punjab and Haryana High Court recommended dismissal of Fazilka judge from service