Sudhir Dhochak Lath won gold in lifting
सत्य खबर, चंडीगढ़
कॉमनवेल्थ गेम में सोनीपत के पैरा खिलाड़ी सुधीर ढ़ोचक लाठ ने पावर लिफ्टिंग में देश को गोल्ड दिलाया है। सुधीर के पैतृक गांव लाठ में बेटे की जीत पर खुशी मना कर लड्डू बांटे गए। मां सुमित्रा ने कहा कि बेटे ने कहा था कि घर से जा रहा हूं तो खाली हाथ नहीं आऊंगा। BA में पढ़ रहे छोटे भाई साहिल ने कहा कि भाई ने जमकर तैयारी की थी।
पिछले कई सालों से देश में उनके मुकाबले का कोई खिलाड़ी नहीं था। सुधीर वर्ष 2017 में वर्ल्ड गेम और 2018 में एशियन गेम में मेडलिस्ट है। पूरे परिवार को खुशी के बीच एक गम यह है कि सुधीर के पिता राजबीर बेटे को ऊंचाइयों पर नहीं देख पाए। 2018 में एशियन गेम में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद घर लौटने से 3 दिन पहले ही उनकी मौत हो गई थी। वे CISF से रिटायर्ड थे।Sudhir Dhochak Lath won gold in lifting
सुधीर अपने परिवार के साथ गोहाना उपमंडल के गांव लाठ मे ही रहता है। 31 जुलाई को वह अपने कोच और टीम के साथ इंग्लैंड में कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए रवाना हुआ था। तब मां सुमित्रा से बात की तो उसने यही भरोसा दिलाया था कि घर से जब जा ही रहा हूं तो खाली हाथ नहीं लौटूंगा। इस बार नजर गोल्ड पर है। बेटे ने शुक्रवार को हुए पावर लिफ्टिंग के मुकाबले में गोल्ड जीता तो मां का सीना खुशी से चौड़ा हो गया। सबसे छोटे भाई साहिल ने सबसे पहले मां का मुंह मीठा कराया और फिर आस पड़ोस और गांव में मिठाई बांटी।
Also read:
*तनुश्री दत्ता की एक पोस्ट ने मचाई बॉलीवुड में खलबली, जानिए क्या है इस पोस्ट में*
Also read:
बीजेपी सांसद की बाइक का कटा 41000 का चालान, जाने कैसे
ऐसे बना खिलाड़ी
साहिल ने बताया कि वे चार भाई हैं और सुधीर सबसे बड़ा है। पांच साल की उम्र मे ही उसके पांव में दिक्कत हो गई थी। इसके बाद भी उसने पढ़ाई नहीं छोड़ी। 10वीं करने के बाद वह शरीर को फिट रखने के लिए जिम जाने लगा। वहां से उसे पैरा खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। फिर उसने पैरा खिलाड़ी वीरेंद्र धनखड़ से प्रेरित होकर वर्ष 2013 में उसने पावर लिफ्टिंग की तैयारी शुरू की और इसके बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
वह पिछले लगातार 7 साल से पावर लिफ्टिंग में नेशनल चैम्पियन और गोल्ड मेडलिस्ट है। वर्ष 2020 और 2021 के दोनों सालों में स्ट्रांग मैन ऑफ इंडिया का खिताब भी उसके पास है।वर्ष 2017 में दुबई में हुई वर्ल्ड चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल और वर्ष 2018 में एशियन गेम में ब्रॉन्ज मेडल देश को दिला चुके हैं।Sudhir Dhochak Lath won gold in lifting
सुधीर लाठ पूरी तैयारी के बावजूद वर्ष 2020 में ओलिंपिक के लिए चूक गए। कोरोना की वजह से वे ओलिंपिक के लिए हुए ट्रायल में भाग नहीं ले पाए थे। इसके चलते वे कुछ दिन मायूस रहे, लेकिन फिर से पूरी ताकत के साथ सोनीपत साई में अगले मुकाबलों की तैयारी में जुट गए थे। पिछले कुछ सालों में जो भी प्रतियोगिताएं हुई हैं, वे उसमें जीत कर ही लौटे। फिलहाल पैरा मुकाबलों में देश में उनके मुकाबले का कोई खिलाड़ी नहीं था।
जींद में हैं सीनियर कोच
सुधीर लाठ फिलहाल जींद में पावर लिफ्टिंग के सीनियर कोच हैं। वर्ष 2018 में एशियन गेम में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद वर्ष 2019 में उनको कोच के पद पर तैनात किया गया। उनके छोटे भाई शक्ति HDFC बैंक में सेवारत हैं। जबकि दो छोटे भाई जसवंत और साहिल फिलहाल BA में पढ़ रहे हैं। मां गृहिणी है। उनके पिता राजबीर सिंह CISF से रिटायर्ड होने के बाद गांव में ही खेती करते थे।
Eco-conscious aluminium recycling Aluminium scrap trading strategies Scrap metal reclamation and reutilization solutions