haunted island in people were burnt alive
एक ऐसा रहस्यमयी आईलैंड जहां जाना मना है. इस जगह को ‘आईलैंड ऑफ डेथ’ भी कहा जाता है. कहा जाता है कि जो कोई भी इस आईलैंड में गया. उनमें से अधिकतर लोग कभी वापस लौटकर नहीं आ पाए. इस आईलैंड पर सरकार ने खुद बैन लगाया है. इसके पीछे एक बेहद डरावनी कहानी है. आइए जानते हैं इस रहस्यमयी आईलैंड की बेहद रोमांचक कहानी. दुनिया में यूं तो अनेकों खूबसूरत आईलैंड यानी द्वीप मौजूद हैं, जहां साल के 12 महीने पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है. लोग दूर-दूर से इन आईलैंड को देखने के लिए आते हैं. लेकिन एक ऐसा आईलैंड भी धरती पर मौजूद है, जहां आप चाहकर भी नहीं जा सकते. क्योंकि इस देश की सरकार खुद ये मानती है कि यह आईलैंड बेहद खतरनाक है और यहां असाधारण गतिविधियों की अनुभूति होती है. यह आईलैंड इटली में है और इसका नाम पोवेग्लिया आईलैंड है. इस आईलैंड पर आने-जाने पर इटली की सरकार ने बैन लगा रखा है. haunted island in people were burnt alive
आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्या है इस आईलैंड में जो इसे इतना खतरनाक माना जाता है. पोवेग्लिया आईलैंड को आईलैंड ऑफ डेथ के नाम से भी जाना जाता है. यह आईलैंड इटली के वेनिस और लीडो शहर के बीच में वेनेटियन खाड़ी में मौजूद है, जिसे एक छोटी सी नहर दो भागों में विभाजित करती है. किसी जमाने में यह खूबसूरत आईलैंड लोगों के घूमने फिरने के लिए पसंदीदा टूरिस्ट स्पॉट था. लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि अब इस आईलैंड में किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है. कहा जाता है कि पोवेग्लिया आईलैंड के राज से पर्दा उठाने के लिए जो कोई भी यहां गया, उनमें से अधिकतर कभी वापस नहीं लौट पाए. दरअसल. 16वीं शताब्दी में इटली में प्लेग नामक बीमारी बड़ी तेजी से फैल रही थी. जिसके कारण इटली में कई-कई लोग इस बीमारी की चपेट में आकर या तो मर रहे थे. या फिर मरने की कगार तक पहुंच चुके थे. पूरे यूरोप में इस बीमारी का असर सबसे ज्यादा इटली शहर में ही हुआ था. क्योंकि ये बीमारी एक से दूसरे व्यक्ति में बड़ी तेजी से फैल रही थी, इसलिए इटली की सरकार ने प्लेग से पीड़ित सभी मरीजों को पोवेग्लिया आईलैंड में शिफ्ट करने का फैसला लिया. क्योंकि ये आईसोलेटेड आईलैंड था, इसलिए इस जगह को प्लेग क्वारंटीन स्टेशन के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा. इतना ही नहीं, जिन लोगों की इस बीमारी से मौत हो जाती थी उन्हें इसी आईलैंड में दफना दिया जाता था. haunted island in people were burnt alive
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इतिहासकार ये भी बताते हैं कि इस आईलैंड पर एक साथ लगभग 1 लाख 60 हजार लोगों को जिंदा जला दिया गया था ताकि यहां बढ़ रही बीमार लोगों की भीड़ को कम किया जा सके. प्लेग के विनाशकारी तांडव के कुछ समय बाद काला बुखार नामक बीमारी ने एक बार फिर इस देश में दस्तक दी और फिर एक बार इटली को लाइलाज बीमारी से जूझना पड़ा. प्लेग की तरह ही इटली में काला बुखार का भी कोई इलाज नहीं था. अनेक लोगों की इस बीमारी से जान जाने लगी. जिसके चलते बीमारी से मरने वाले लोगों की डेड बॉडी को पोवेग्लिया आईलैंड में लाकर बस यूं ही छोड़ दिया जाता था. इसके कारण यह जगह धरती पर नरक जैसी बन गई थी. लाखों लोगों की मौतों के चश्मदीद रहे इस आईलैंड में सन 1922 में एक मेंटल हॉस्पिटल बनाया गया. फिर यहीं से शुरू हुआ इस आईलैंड पर भूतिया घटनाओं के घटित होने का सिलसिला. इस हॉस्पिटल में रहने वाले स्टाफ और मरीजों ने दावा किया कि उन्होंने इस आईलैंड में कई भूतों और आत्माओं को महसूस किया है और देखा भी है. यह आईलैंड पैरानॉर्मल दृष्टिकोण से इतना खतरनाक बताया जाने लगा कि यहां के लोगदावा करने लगे कि रात के समय इस आईलैंड में जिंदा और मुर्दा लोगों में फर्क कर पाना मुश्किल हो गया था. यहां रहने वाले डॉक्टर्स ने बताया कि रात के समय यहां डरावनी आवाजों का आना एक आम बात बन गई थी. और तो और यहां भटक रही आत्माएं बीमार मरीजों को अपनी चपेट में ले लेती थीं.
डॉक्टर्स के लिए उस समय यह समझना मुश्किल हो गया था कि कोई व्यक्ति दिमागी रूप से बीमार है या उस पर किसी प्रेत आत्मा का साया आ गया है. इसी बीच कई डॉक्टर्स और मरीजों की रहस्यमयी तरीके से मौत भी होने लगी. इसलिए इस मेंटल हॉस्पिटल को जल्द ही बंद कर दिया गया. फिर कई लोग इस रहस्य का पता लगाने के लिए वहां जाने लगे. लेकिन जो कोई भी इस आईलैंड पर गया, उन में से अधिकांश लोग कभी वापस लौट कर नहीं आए. लेकिन जो चंद लोग वापस लौटकर भी आए तो उन्होंने बस यही कहा कि ये आईलैंड हमारी दुनिया में जीता-जागता नर्क है. यहां कोई इंसान जाता तो अपनी मर्जी से है, लेकिन उसका वापस लौटना उन आत्माओं के रहम-ओ-कर्म पर निर्भर करता है, जो इस आईलैंड पर राज कर रही हैं. 18 एकड़ के इस आईलैंड को भूतहा जगहों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर रखा गया है, जबकि विश्व का इसे नंबर-1 हॉन्टेड आईलैंड कहा जाता है. वहीं, यूरोप में हॉन्टेड प्लेस (भूतिया जगह) की लिस्ट में इस आईलैंड को नंबर-1 पर रखा गया है. इन्हीं रहस्यमयी कारणों के चलते इटली की सरकार ने इस आईलैंड को पब्लिक के लिए पूरी तरह बैन कर दिया है. किसी को भी न ही वहां जाने की इजाजत है और न ही कोई वहां जाने की हिम्मत करता है. इस आईलैंड पर जाना तो दूर, इटली के मछुआरे इस आईलैंड के आस-पास फिशिंग तक नहीं करते. क्योंकि मछलियां पकड़ने वाले जाल में यहां सिर्फ इंसानी हड्डियां ही मिलती हैं.
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