सत्य खबर, गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :
The hearing in the minister’s fake educational degree case was again postponed due to the lawyers’ strike in the Punjab and Haryana High Court.
गुरुग्राम के सीनियर सिटीजन एवं आरटीआई एक्टिविस्ट हरेंद्र ढींगरा को पुलिस की मिली भगत से फर्जी केस में फसने में अहम भूमिका निभाने वाले हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री राव नरवीर सिंह मामले की सुनवाई वकीलों की हड़ताल के चलते नहीं हो सकी। उच्च न्यायालय में चल रही फर्जी शैक्षिक डिग्री योग्यता मामले की सुनवाई वीरवार को होनी थी।
मिली जानकारी के अनुसार उच्च न्यायालय चंडीगढ़ में वीरवार को हरेंद्र ढींगरा बनाम नरवीर सिंह केस की सुनवाई जस्टिस विकास बहल की अदालत में होनी थी। जिसमें दोनों पक्षों की फाइनल बहस होनी थी। मगर पंजाब के मुक्तसर में हुए विवाद के चलते हाई कोर्ट के वकीलों ने हड़ताल कर दी थी जिसके चलते कोई भी वकील अदालत में पेश नहीं हुए।
जिसपर माननीय अदालत ने अगली तारीख 13 दिसम्बर 23 लगा दी है।
बता दें कि आरटीआई एक्टिविस्ट हरेंद्र ढींगरा ने आरटीआई एक्ट 2005 के तहत पूर्व मंत्री राव नरवीर सिंह की शैक्षिक डिग्री के बारे में वर्ष 2005,2009 तथा 2014 में हुए चुनाव में भारत के चुनाव आयोग को सौंपी गए हलफनामे की प्रति लेकर उसमें दी गई गलत जानकारियों को उजागर किया था। आरटीआई से मिली जानकारी को सार्वजनिक करने पर बौखलाहट में मंत्री ने गुरुग्राम में तैनात रहे तत्कालीन पुलिस कमिश्नर के के राव पर दबाव बनाकर आरटीआई एक्टिविस्ट को फर्जी केस में फंसा कर जेल भिजवा दिया था। तभी से यह मामला अलग-अलग स्टेज पर अदालत में चल रहा है।
वही शहर में यह आम चर्चा रही थी कि हलफनामे में गलत जानकारी देने पर ही पूर्व मंत्री की पिछले विधानसभा चुनाव मे टिकट भी भाजपा आलाकमान ने काट दी थी। वही गुरुग्राम में यह भी चर्चाएं जोरों पर चल रही है कि आरटीआई एक्टिविस्ट हरेंद्र ढींगरा और पूर्व मंत्री राव नरवीर सिंह के बीच इस केस को लेकर आपस में समझौता हो सकता है। इस बात से आरटीआई एक्टिविस्ट ने साफ इनकार कर दिया है
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उन्होंने बताया कि मामला धोखाधड़ी सहित देश के संविधान के प्रति खिलवाड़ का भी बन रहा है। वही देश की जनता को गुमराह करने उनके मन को ठेस पहुंचा कर गलत तरीके से वोट हासिल कर सत्ता सुख भोगना जैसे कई संगीन मामले बन रहे हैं। इसमें न्यायालय का आदेश ही सर्वोपरि होगा