सत्य खबर, पानीपत । The mortal remains of the martyr of Panipat will reach the village today.
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में राजौरी में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में हरियाणा के पानीपत जिले का लाल आशीष ढोंचक भी शहीद हो गया। उनका पार्थिव शरीर गुरुवार दोपहर बाद तक पानीपत उनके पैतृक गांव बिंझौल लाए जाने की संभावना है। अनंतनाग में आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर उस वक्त गोली चला दी, जब वे सर्च ऑपरेशन चला रहे थे। इसमें कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष ढोंचक और डीएसपी हुमायूं भट शहीद हो गए।
आशीष ढोंचक की शहादत से पानीपत के साथ पूरा प्रदेश ही शोकग्रस्त है। तीन बहनों के इकलौते भाई के शहीद होने पर परिवार और गांव बिंझौल में मातम पसरा हुआ है। पिता लालचंद NFL से सेवानिवृत्त के बाद सेक्टर-7 में किराए के मकान में रहते हैं।
6 माह पहले परिवार से मिले थे
मेजर आशीष 6 महीने पहले अपने साले की शादी में छुट्टी लेकर घर आए थे। प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी उनकी शहादत की खबर मिलते ही सेक्टर-7 में उनके घर पहुंच गए। आशीष की 2 साल पहले मेरठ से जम्मू में पोस्टिंग हुई थी। उनका परिवार 2 साल पहले ही गांव से शहर में किराए के मकान में शिफ्ट हुआ है।
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चाचा का बेटा है लेफ्टिनेंट
परिवार में आशीष की तीन बहनें अंजू, सुमन हैं। मां कमला गृहिणी है। उनकी दो वर्षीय बेटी वामिनी है। पत्नी ज्योति भी गृहिणी है। इसके अलावा उनके चाचा का बेटा विकास भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद है। जोकि फिलहाल पुना में ट्रेनिंग पर है। जोकि फिलहाल झांसी में पोस्टिंग है।
राजौरी में आंतकियों से मुठभेड़
बता दें कि जवान आशीष की शहादत बुधवार को राजौरी में हुई थी। इस दौरान दो आतंकियों को भी सेना ने मार गिराया। यहां सर्चिंग के दौरान बुधवार को सेना के डॉग की भी मौत हो गई। उसने अपने हैंडलर की जान बचाने के लिए खुद की जिंदगी दांव पर लगा दी। राजौरी में एनकाउंटर खत्म हो गया है।