Men will be finished on earth only women live
सत्यखबर, नई दिल्ली
एक दिन आएगा जब ये पुरुष और महिला का भेद खत्म हो जाएगा! पृथ्वी पर पुरुष पैदा ही नहीं होंगे. शायद तब सिर्फ महिलाएं ही बचें. पुरुष खत्म होंगे तो उनकी जगह कौन लेगा? किस तरह का जीव पैदा होगा. इंसानों की पीढ़ियां कैसे आगे बढ़ेंगी. क्योंकि पृथ्वी पर ज्यादातर प्रजनन या पीढ़ियों को आगे बढ़ाने का काम नर और मादा मिलकर करते हैं. ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि अब इंसानों समेत कई स्तनधारी जीवों में Y Chromosome खत्म हो रहे हैं.
इंसानों का वाई क्रोमोसोम धीरे-धीरे खत्म हो रहा है. यानी एक समय ऐसा आएगा, जब लड़के पैदा नहीं होंगे. सिर्फ लड़कियां होंगी. अब अगर लड़के नहीं पैदा होंगे तो उनकी जगह किस तरह का जीव आएगा. क्या कोई नया सेक्स जीन विकसित होगा. यह एक बड़ा सवाल है. हाल ही में प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस जर्नल में इस विषय पर एक रिसर्च पेपर छपा है. जिसमें नरों को पैदा करने वाले जीन्स के खत्म होने पर स्टडी की गई है.Men will be finished on earth only women live
पहले यह समझ लेते हैं कि Y Chromosome इंसानी लिंग को कैसे तय करता है. यानी कैसे पैदा होते लड़के और लड़कियां. इंसानों और कई अन्य स्तनधारी जीवों में मादाओं के पास दो X क्रोमोसोम होते हैं. जबकि नरों के पास एक X और दूसरा छोटा क्रोमोसोम Y. इनका नाम इनके आकार को परिभाषित नहीं करता. लेकिन X में 900 जीन्स होते हैं, जो ऐसे काम करते हैं जिनका लिंग निर्धारण से कोई मतलब नहीं है. यानी ये लड़का या लड़की तय नहीं करते.
Y क्रोमोसोम में करीब 55 जीन होते हैं. इनके अलावा कई नॉन-कोडिंग डीएनए भी. वाई क्रोमोसोम भले ही आकार में X से छोटा होता हो. उसके पास जीन कम हों लेकिन वह तय करता है कि भ्रूण में विकसित होने वाला बच्चा लड़का पैदा होगा या लड़की. आमतौर पर जब गर्भधारण के 12 हफ्ते बीत जाते हैं, तब मास्टर सेक्स जीन बाकि जीन्स पर को निर्देश देता है कि अब तुम नर टेस्टिस का निर्माण करो. भ्रूण में बनने वाला टेस्टिस ही नर हॉर्मोन्स को निकालता है. जिसकी वजह से लड़का पैदा होता है.
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मास्टर सेक्स जीन को SRY (Sex Region on the Y) के तौर पर जाना जाता है. ज्यादातर स्तनधारियों में इंसानों की तरह ही X और Y क्रोमोसोम्स होते हैं. सबके X के पास ढेर सारे जीन्स होते हैं. लेकिन Y के पास होता है ताकतवर SRY प्लस की सुविधा. ऑस्ट्रेलिया के प्लेटीपस (Platypus) में सामान्य जीन होता है XY. जैसे इंसानों का XX होता है. प्लेटीपस में X और Y एक समान होते हैं. इसका मतलब स्तनधारियों में XY सामान्य नहीं होते.
16.6 करोड़ सालों में Y Chromosome 900 जीन से कम होकर 55 जीन्स पर आ गया है. जबकि इंसान और प्लेटीपस एक साथ विकसित हो रकहे थे. इसका मतलब ये है कि हर 10 लाख साल पर इंसानों का Y क्रोमोसोम 5 जीन खो रहा है. यानी अगले 1.10 करोड़ साल में इंसानों का Y क्रोमोसोम पूरी तरह से अपने सारे जीन खो देगा. बस यहीं अंत हो जाएगा पुरुषों के पैदा होने का. लेकिन सवाल ये उठता है कि अगर धरती पर पुरुष बचते हैं तो क्या उनके लिए कोई नया जीन बनेगा.
चूहों की दो प्रजातियों से Y क्रोमोसोम खत्म हो चुके हैं. लेकिन ये चूहे सर्वाइव कर रहे हैं. पूर्वी यूरोप के मोल वोल्स (Mole Voles) और जापान के स्पाइनी रैट्स (Spiny Rats). इनके शरीर में वाई और एसआरवाई क्रोमोसोम्स खत्म हो चुके हैं. लेकिन दोनों ही लिंग में यानी नर और मादा में XX क्रोमोसोम्स देखने को मिल रहे हैं. वैज्ञानिकों को यह समझ नहीं आ रहा है कि ऐसा क्यों हो रहा है. हालांकि स्टडी चल रही है. इन दोनों चूहों में SRY जीन नहीं है.
Y क्रोमोसोम्स के खत्म होने की वजह से पुरुषों के खत्म होने पर सवाल उठ रहा है. दुनिया में कुछ छिपकलियां और सांपों की प्रजातियां ऐसी हैं, जहां पर सिर्फ मादाएं हैं. ये खुद से ही प्रजनन करके पीढ़ियों को आगे बढ़ा रही हैं. इसे पार्थेनोजेनेसिस (Parthenogenesis) कहते हैं. लेकिन यह इंसानों और स्तनधारियों में संभव नहीं है. हम इंसानों को प्रजनन करने के लिए स्पर्म और एग्स की जरुरत होती है. अगर स्पर्म चाहिए तो पुरुष चाहिए.
Y क्रोमोसोम्स अगर खत्म हो जाएंगे तो इंसानों की प्रजाति के नष्ट होने में समय नहीं लगेगा. लेकिन एक संभावना यह दिख रही है कि Y की जगह कोई और क्रोमोसोम विकसित हो जाए. जो यह काम करें. लेकिन इस पर फिलहाल कुछ भी कह पाना वैज्ञानिकों के लिए संभव नहीं है.Men will be finished on earth only women live
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