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ईरान में फंसे भारतीयों को वापस लाने का यह है सरकारी प्लान

सत्य खबर,नई दिल्ली ।   

दुनिया पहले ही दो युद्ध होते हुए देख रहा है कि अब तीसरे युद्ध की आंच भी तेज होती जा रही है. ईरान ने अपना पहला डायरेक्ट अटैक इजराइल पर बोल दिया है. इजराइल डिफेंस फोर्स ने दावा किया कि ईरान ने 100 से ज्यादा ड्रोन अटैक किए हैं. लेकिन ऐसा लग रहा है कि ईरान ने पहले ही इसका संकेत दे दिया था. इजराइल से जुड़े एक कार्गो जहाज को ईरान ने अपने कब्जे में ले लिया है. लेकिन चिंता की बात ये है कि इस जहाज पर कुल 25 लोगों में से 17 भारतीय हैं, जो अब ईरान के कब्जे में हैं.

इजराइली कार्गो शिप जब होर्मुज स्ट्रेट से गुजर रहा था तभी, तभी ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स हेलीकॉप्टर से शिप तक पहुंचे और उसे अपने कब्जे में ले लिया. अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि शिप में जो 17 भारतीय फंसे हैं उनका क्या होगा? भारत सरकार उनको कैसे छुड़ा कर लाएगी?

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क्या कहना है भारत सरकार का?

भारत सरकार का कहना है कि वह अपने नागरिकों को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है. भारत लगातार ईरान के संपर्क में है. हमने ईरान से सभी 17 भारतीयों की जल्द रिहाई की मांग की है. तेहरान और ईरान दोनों जगहों पर राजनयिक चैनलों के माध्यम से ईरानी अधिकारियों से भारत संपर्क बना रहा है.

ईरानी अधिकारियों से संपर्क में भारत

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सूत्रों के मुताबिक, भारत का मुख्य उद्देश्य कार्गो शिप में, ईरान की कैद में फंसे भारतीय चालक दल के सदस्यों की सुरक्षा, भलाई और उनकी शीघ्र रिहाई है. ईरान और भारत दोनों में राजनयिक चैनलों के माध्यम से ईरानी अधिकारियों से संपर्क बनाया जा रहा है. जो भारतीय चालक शिप में फंसे हुए हैं उनकी डिटेल अभी सामने नहीं आई हैं. वहीं, भारत सरकार ने शिप में फंसे भारतीयों के परिवार के आश्वासन दिया है कि वह जल्द ही उन्हें सुरक्षित घर वापस ले आएंगे.

ईरान द्वारा कब्जे में लिया गया जहाज लंदन स्थित जोडियाक मैरीटाइम से जुड़ा है. जोडियाक मैरीटाइम इजराइली अरबपति इयाल ओफर के जोडियाक समूह का हिस्सा है. यह जहाज कथित तौर पर भारत के रास्ते में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के एक बंदरगाह से रवाना हुआ था.

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