This new disclosure happened in Chandigarh University case
सत्य खबर, चंडीगढ़
मोहाली के एमएमएस कांड में एक नया खुलासा हुआ है। पुलिस जिस मोबाइल नंबर की जांच में जुटी है, उसे ट्रूकॉलर एप पर स्कैमर (धोखाधड़ी करने वाला) की श्रेणी में शामिल किया गया है। यहां कई लोगों ने इस नंबर से ब्लैकमेल किए जाने संबंधी संदेश भी दर्ज किए हैं। ये संदेश फरवरी माह से डाले गए हैं। पुलिस को शक है कि आरोपी पहले से महिलाओं और युवतियों को ब्लैकमेल कर रहा है। ऐसे में साइबर सेल मामले की जांच में जुट गई है।
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी वीडियो कांड में पुलिस ने रविवार को केस दर्ज किया था। आरोपी छात्रा जिस नंबर पर वीडियो भेजती थी, वह एफआईआर में बाकायदा दर्ज है। ट्रूकॉलर पर उस नंबर को सर्च करने पर कई लोगों के संदेश मिले। एक यूजर ने 15 फरवरी को दर्ज कराए अपने संदेश में लिखा है कि ब्लैकमेल मैसेज एंड कॉलिंग।वहीं, दूसरे यूजर ने 19 जून को लिखा है कि मेरे साथ भी ऐसा ही हो रहा है, कोई इसे जानता है क्या। एक अन्य यूजर ने यहां लिखा है कि यह व्यक्ति मेरी पत्नी को फोन कर रहा है। इसी तरह से कई और यूजर्स ने इस एप पर आरोपी के इस नंबर को ब्लैकमेलर का नंबर बताया है।This new disclosure happened in Chandigarh University case
ALSO READ:
दिग्गज नेता चौधरी बिरेंद्र सिंह को हराने वाले पूर्व विधायक भाग सिंह का निधन
आरोपी की ट्रूकॉलर प्रोफाइल में अब तक 55 लोग इसे स्कैमर बता चुके हैं, वहीं ट्रूकॉलर रिकॉर्ड के अनुसार यह व्यक्ति पिछले दो महीने में इस तरह के 135 फोन कर चुका है जिसमें से ज्यादातर कॉल शाम के 3:00 बजे से शाम के 6:00 बजे तक के समय में गईं हैं। पुलिस की साइबर टीम को इस मामले की जांच में लगा दिया गया है। पुलिस आरोपी से भी इस संबंध में पूछताछ कर रही है। पुलिस को इस दौरान कई बड़े खुलासे होने की संभावना है।This new disclosure happened in Chandigarh University case
क्या है ट्रूकॉलर
एंड्रायड एवं आईफोन के लिए यह एक कॉलिंग एवं मैसेजिंग एप है। इसके जरिए कोई भी यूजर कॉल एवं मैसेज कर सकता है। साथ ही इस एप के जरिए किसी भी मोबाइल नंबर के यूजर की प्रोफाइल जैसे कि उसका नाम, उसका प्रोफेशन एवं पता भी जांचा जा सकता है। इस एप के द्वारा अपने अन्य यूजर्स के कमेंट के आधार पर किसी नंबर को स्कैम की श्रेणी में रखा जाता है।
Aluminium scrap dross recycling Aluminium scrap testing procedures Metal recovery and repurposing services