coincidence two elderly sisters died at same time
सत्य खबर , झज्जर। परिवार में एक साथ रहने वाले मां- बाप, भाई- बहन सभी का आपस में प्यार लगाव होता है. परंतु कहीं- कहीं पर देखने को मिलता है कि भाई- भाई में, बेटा व मां बाप में आपसी खींचातानी लगी रहती है. आज हम आपको 2 ऐसी बहनों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी प्रेम दास्तां देश की आजादी से पहले शुरू हुई और अब सोमवार को एक साथ खत्म हुई. लगभग 82 साल एक साथ रहने के बाद दोनों बहनों ने एक साथ अंतिम सांस ली.
हमेशा ख़डी रहती थी साथ
बता दे कि करीब 88 साल पहले डाबोदा खुर्द गांव में माया देवी का जन्म हुआ, इनके जन्म के 6 साल बाद इनकी छोटी बहन मिश्री देवी ने जन्म लिया. दोनों बहनों में बहुत ज्यादा प्यार प्रेम था. बचपन से युवावस्था तक दोनों के प्रेमपूर्वक इकट्ठे रहने के बाद मेवा की 1954 में गांव छुड़ानी (झज्जर) में जिले सिंह के साथ शादी हो गई. वर्ष 1962 में मेवा ने अपनी छोटी बहन मिश्री का विवाह अपने देवर रामेश्वर से करवा दिया. फिर से दोनों बहन एक साथ रहने लगी. दोनों बहनों ने हर दुख सुख में एक दूसरे का साथ दिया, घर से लेकर खेती तक के कामकाज में एक दूसरे का हाथ बटाती थी.coincidence two elderly sisters died at same time
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समय ढला पर दोनों के प्यार में नहीं आई कमी
समय के साथ- साथ दोनों बहनों की उम्र ढलती गई, दोनों के पति चल बसे, परंतु फिर भी दोनों बहनों का एक दूसरे के प्रति समर्पण भाव खत्म नहीं हुआ. हमेशा एक साथ रहने वाले दो बहनों का साथ सोमवार को छूट गया. छोटी बहन मिश्री देवी ने सुबह 4:30 बजे देह त्याग दिया, जिसे बड़ी बहन सहन नहीं कर पाई और लगभग 2 घंटे बाद ही 6:30 बजे वह भी चल बसी. इनके परिवार के सदस्यों ने दोनों बहनों के प्रेम को निभाने के लिए उनकी एक साथ अंतिम यात्रा निकाली और एक ही चिता पर दोनों की अंत्येष्टि हुई.
समाज को दे गई सन्देश
मिश्री देवी अपने पीछे 2 बेटे, 1 बेटी, 2 पौते, 2 पौति, 1 पड़पौंते को और मेवा देवी अपने पीछे 4 बेटे, 2 बेटी, 6 पौते, 3 पौति, और 2 पड़पौंते व 2 पड़पौंति छोड़ गई. मिश्री देवी को इनके बड़े बेटे धर्म ने, और मेवा देवी को उनके बड़े बेटे सद्दे पहलवान ने मुखाग्नि दी. इसी के साथ इन दोनों बहनों की 82 साल के अनूठे प्रेम के अध्याय का अंत हुआ. दोनों बहने पूरे समाज को मिल- जुलकर, प्रेमपूर्वक रहने का संदेश दे गई.coincidence two elderly sisters died at same time
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