किसानों के कृषि कानून विरोध का अनोखा तरीका
सरकार को खून से खत लिख रहे हैं किसान
राष्ट्रपति और पीएम मोदी को भेज चुके हैं पत्र
‘सरकार के ना मानने तक सिलसिला रहेगा जारी’
सत्यखबर सिंघु बॉर्डर
सोनीपत के सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार किसानों का धरना जारी है….जो तीनों कृषि कानूनों को रद्द करवाने के अलग-अलग तरीके से विरोध कर रहे हैं….जिसके चलते विरोध का एक अनोखा तरीका किसानों का सामने आया है…जहां पर एक संस्था द्वारा पहले किसानों का ही ब्लड डोनेट करवाया जाता है और उसके बाद उसी खून से सरकार को तीन कृषि कानून रद्द करवाने के लिए पत्र लिखे जाते हैं।
किसान अब तक राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सुप्रीम कोर्ट के जज और उपराष्ट्रपति को खून से पत्र लिखकर भेज चुके हैं….और सरकार के ना मानने तक इसी तरह पत्र भेजने की बात भी कर रहे हैं…किसान तरनजीत सिंह के मुताबिक अभी तक आठ पत्र लिखे जा चुके हैं। तीन प्रधानमंत्री के नाम पर दो पत्र राष्ट्रपति को एकमात्र चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट को अभी तक हम भेज चुके हैं। एक पत्र केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को भी भेज चुके हैं और आठवां पत्र उपराष्ट्रपति को लिख कर भेज रहे हैं। जब तक सरकार की आंखें नहीं खुलेगी और तीनों को कानूनों को वापस नहीं लेगी तब तक हम ऐसे ही खून से पत्र लिखकर सरकार को भेजेंगे।
बता दें कि केंद्र सरकार ने चिट्ठी लिख कुले किसान ने कहा कि सरकार की नीयत साफ नहीं है, सरकार दिल से किसानों को बातचीत का न्यौता दिया है…वहीं ये मीटिंग 30 दिसंबर को होगी…ऐसे में सभी को उम्मीद है कि इस बातचीत से किसानों और सरकार के बीच कोई ना कोई हल जरुर निकलेगा…
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