हरियाणा

एक दिया ऐसा जलाओ जिससे हो चिरागे वतन

सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान):-

एक दिया ऐसा भी जलाओ, जिससे सारा वतन चिराग से रोशनीमय हो जाए। जी हां, हम बात कर रहे हैं केएम राजकीय महाविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर जयपाल आर्य की। जयपाल आर्य महाविद्यालय में रसायन विज्ञान के सहायक प्रोफेसर हैं। हालांकि वे पैरों से दिव्यांग हैं, फिर भी कालेज परिसर में पौधे लगाने की बात हो, चाहे कच्ची पगडंडियों को पक्का करने की बात हो, छुट्टी के बाद या छुट्टी का दिन हो, वे अपने शिष्यों के साथ हर समय देखे जा सकते हैं। प्रो. आर्य इस कहावत को भी चरितार्थ करते मालूम पड़ते हैं कि जहां काम, वहीं धाम। इसीलिए तो वे हर दिवाली पर अपने घर आंगन में मिट्टी के दीये ना जलाएं, लेकिन कालेज परिसर में अपनी पत्नी के साथ दीए जलाते हैं। प्रो. आर्य के अनुसार कालेज परिसर भी उनका अपना घर है, जहां से ना केवल उन्हें आजीविका मिलती है, बल्कि युवाओं में शिक्षा रूपी एक शक्ति का संचार होता है।

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पर्यावरण प्रेमी भी हैं प्रो. जयपाल
पर्यावरण बचाने में तो प्रो. जयपाल आर्य का विशेष योगदान कहा जा सकता है। वे पर्यावरण बचाने के लिए गांव व शहर की सार्वजनिक जगहों पर हर समय पेड़ लगाते रहते हैं। यहां तक कि दिवाली के मौके पर परिसर में मिट्टी के दीये तो उन्हें जलाए ही, बल्कि 15 पेड़ लगाने का भी उन्होंने काम किया, ताकि दीपों के त्यौहार की यादगार उनके मन में बसी रहे। कई बार कालेज परिसर में उनके लगाए गए पेड़ों को असामाजिक तत्वों द्वारा नष्ट भी कर दिया जाता है, तो भी वे अपना धैर्य नहीं खोते। जबकि उनकी पत्नी कहती है कि आप का पेड़ लगाने का कोई औचित्य नहीं। इस पर वे कहते हैं कि पर्यावरण बचाने में उनका सहयोग जारी रहेगा, बेशक कोई भी उन द्वारा लगाए गए पेड़ों को नष्ट करता रहे।

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