सत्यखबर
फुलेरा दूज पर 15 मार्च को चारों तरफ शादियों की शहनाई गूंजेंगी। अबूझ सावा होने के कारण अकेले झज्जर जिले में करीब 400 से अधिक शादियां होने की उम्मीद है। हरियाणा में तो यह आंकड़ा कहीं ज्यादा है। करीब एक माह बाद यह अबूझ सावा आया है। इस अंतराल में कोई भी अबूझ सावा नहीं होने के कारण शादियों की भरमार देखने को मिलेगी। हालांकि इससे पूर्व 16 फरवरी को बसंत पंचमी पर अबूझ सावा था। उस दिन भी जिलेभर में सैकड़ों शादियां हुई। कुछ ऐसी ही स्थिति फुलेरा दूज पर सोमवार को होने का अनुमान है। अबूझ सावे पर शादियां तो अधिक होती हैं, लेकिन इस बार सावे शुरू नहीं होने के कारण शादियां केवल अबूझ सावे पर ही की जा रही है। इसलिए इन अबूझ सावों पर शादियों की भरमार मिल रही है।
सावे शुरू होने का कारण गुरु व शुक्र का अस्त होना बताया जा रहा है। गुरु व शुक्र गृह अस्त होने के कारण शुभ कार्यों के लिए कोई भी मुहूर्त नहीं हैं। बता दें कि इस बार 11 दिसंबर को अंतिम सावा होने के बार से गुरु व शुक्र अस्त हैं। इस साल अप्रैल माह में सावे शुरू होंगे, जबकि सामान्यत: 14 जनवरी से ही शुरू हो जाते थे। इस अंतराल में एकाध अबूझ सावे हैं। इसका असर यह हुआ कि अबूझ सावों पर शादियों का जोर रहता है। बिना सावा जो शादियां रुकी हुई है, उन्हें फुलेरा दूज का इंतजार था।
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