सत्य खबर
दिल्ली की सीमाओं पर गत 26 दिन से धरने पर बैठे हुए कुछ राज्यों के किसानों के आंदोलन से दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में अब तक लगभग 14,000 करोड़ रुपये के व्यापार का नुकसान हुआ है। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जहां इस मामले को लेकर किसान नेताओं व केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि बातचीत के द्वारा इस मसले को तुरंत सुलझाया जाएं। वहीं, अनुरोध किया है कि खास तौर पर दिल्ली एवं अन्य राज्यों के व्यापारियों एवं अन्य लोगों की परेशानियों को देखते हुए बेहतर रहेगा यदि सुप्रीम कोर्ट की वैकेशन बेंच इस मामले की तुरंत सुनवाई की तारीख निश्चित करें। लोगों की निगाहें अब सर्वोच्च न्यायालय पर ही टिकी हैं।
20 फीसद ट्रक दिल्ली नहीं ला पा रहे देश के अन्य राज्यों से सामान
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया व राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने यह अनुमान जारी करते हुए कहा कि आंदोलन के कारण लगभग 20 फीसद ट्रक देश के अन्य राज्यों से सामान दिल्ली नहीं ला पा रहे हैं, जिसके कारण दिल्ली से अन्य राज्यों को भेजे जाने वाले सामान पर भी विपरीत असर पड़ रहा है। दिल्ली में प्रतिदिन लगभग 50 हजार ट्रक देश भर के विभिन्न राज्यों से सामान लेकर दिल्ली आते हैं और लगभग 30 हजार ट्रक प्रतिदिन दिल्ली से बाहर अन्य राज्यों के लिए सामान लेकर जाते हैं। फिलहाल दिल्ली में आवश्यक वस्तुओं सहित अन्य वस्तुओं की कोई किल्लत नहीं है।
कैट एवं ट्रांसपोर्ट सेक्टर के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (ऐटवा) दोनों संयुक्त रूप से माल की आवाजाही पर नियमित निगाह रखे हुए हैं और पूरा प्रयत्न कर रहे हैं कि दिल्ली अथवा अन्य किसी राज्य में किसी भी वस्तु की कोई कमी न हो। बीसी भरतिया और प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि मुख्य रूप से अन्य राज्यों से एफएमसीजी उत्पाद, लोगों द्वारा रोजमर्रा के उपयोग का सामान, खाद्यान, फल व सब्जी, किराने का सामान, सूखे मेवे, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली का सामान, दवाइयां, भवन निर्माण का सामान, लोहा-स्टील, कपड़ा, मशीनरी, बिल्डिंग हार्डवेयर, लकड़ी एवं प्लाइवुड व रेडीमेड वस्त्र आदि प्रतिदिन बड़ी संख्या में दिल्ली आते हैं।
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यह सभी सामान प्रायः दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-मथुरा, आगरा एक्सप्रेस वे, दिल्ली- गाजियाबाद हाई वे, दिल्ली-चंडीगढ़ हाई-वे आदि रास्तों से मुख्य रूप से आते हैं, क्योंकि यहीं हाई वे दिल्ली को देश के सभी राज्यों से जोड़ते हैं और इन हाई-वे पर आंदोलन के कारण या तो रास्ते बंद है अथवा लंबे जाम लगे होने के कारण ट्रकों को काफी लंबा घूम कर दिल्ली आना पड़ रहा है, जिसके कारण अपूर्ति में देरी से आ रही है अथवा बाधित है।
बताया जा रहा है कि यदि बहुत लंबे समय तक आंदोलन चला तो आपूर्ति में परेशानी की संभावना है। फिलहाल किसी वस्तु की कोई कमी नहीं है और कैट व ऐटवा ने यह तय किया है कि किसी भी हालत में सप्लाई चेन को जारी रखा जाएगा। उल्लेखनीय है की दिल्ली न तो कोई औद्योगिक राज्य है एवं न ही कृषि राज्य बल्कि देश का सबसे बड़ा वितरण केंद्र है, जहां अनेक राज्यों से सामान आता है और देश भर के राज्यों में दिल्ली से भेजा जाता है।
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