सत्य खबर, मुजफ्फरनगर
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को अनजान कॉल का डर सताने लगा है. हालांकि, किसानों की समस्याओं को लेकर राकेश टिकैत हमेशा से बेबाक और साहस के साथ सरकार का डट कर सामना किया, लेकिन अब अनजान कॉल को लेकर वह खौफ में हैं. दरअसल, किसान नेता टिकैत को एक बार फिर से जान से मारने की धमकी मिली है. इससे पहले भी उन्हें इस तरह धमकियां मिल चुकी हैं. तब उनकी सुरक्षा में तैनात मुख्य आरक्षी नितिन शर्माी ने कौशांबी थाने में मामला दर्ज कराया था. अब दोबारा टिकैत को धमकी दी गई है.
जानकारी के मुताबिक, लंबे वक्त से किसानों की समस्याओं को लेकर आवाज बुलंद करने वाले किसान नेता राकेश टिकैत को कई बार अनजान नंबर से धमकी भरे कॉल आते रहे हैं. वहीं, एक बार फिर से टिकैत को जान से मारने की धमकी दी गई है. उन्हें मोबाइल फोन पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने जान से मारने की धमकी दे डाली है. धमकी मिलने के बाद टिकैत ने पुलिस को तहरीर देकर शिकायत की. साथ ही जल्द से जल्द कार्रवाई की उन्होंने मांग की.राकेश टिकैत ने बताया कि दिल्ली आंदोलन के बाद लगातार उनको और उनके परिवार के सदस्यों को मोबाइल फोन पर अनजान नंबर से धमकी भरे फोन आ रहे हैं. इस पर उन्हें मारने की धमकी के साथ-साथ गाली-गलौज और अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा है. इसके कारण राकेश टिकैत और उनका पूरा परिवार खौफजदा है.
उन्होंने बताया कि कई बार पुलिस में शिकायत दर्ज कराई लेकिन अभी तक पुलिस ने न ही उस अज्ञात नंबर को ट्रेस किया और न ही फोन पर धमकी देने वाले को गिरफ्तार किया है. टिकैत का आरोप है कि कहीं न कहीं फोन पर धमकी देने वाले बीजेपी के कार्यकर्ता हैं जो कृषि आंदोलन के बाद से लगातार उनको धमकी दे रहे हैं. यही वजह है कि मुजफ्फरनगर पुलिस फोन पर धमकी देने वाले व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.
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बता दें कि राकेश टिकैत को जान से मारने की धमकी इससे पहले भी मिली थी, जिसके बाद उन्होंने गाजियाबाद के कौशांबी थाने में मामला दर्ज कराया था. वह धमकी भी फोन कॉल के जरिए दी गई थी. फोन कॉल राकेश टिकैत की सिक्योरिटी में लगे उत्तर प्रदेश पुलिस के कर्मी नितिन ने रिसीव किया था. थाने के इंचार्ज सचिन मलिक का तब कहना था कि मामले में जांच शुरू कर दी गई है. पुलिस ने मोबाइल नंबर भी प्राप्त कर लिया था, जिससे जान से मारने की धमकी दी गई थी. हालांकि, उस वक्त धमकी देने वाले ने इसके पीछे की मंशा जाहिर नहीं की थी. उसने पहले गालियां दीं, फिर जान से मारने की धमकी दी थी.
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