सत्य खबर
आढ़तियों का कहना है कि इस बार न तो धान खरीदा जाएगा और न हीं उठान करवाया जाएगा। आढ़तियों का कहना है कि हमारा कामकाज किसानों पर आधारित होता है।
इस समय छह अनाज मंडियों में धान की खरीद चल रही है। इन सभी मंडियों के आढ़तियों ने फैसला लिया है कि किसी प्रकार की मंडियों में धान नहीं खरीदी जाएगी।आढ़तियों से आह्वान किया कि सभी आढ़ती इस हड़ताल का समर्थन करें।
पुरानी अनाज मंडी एसोसिएशन प्रधान श्याम बहादुर खुरानियां ने कहा कि पुरानी अनाज मंडी आढ़तियों की बैठक हुई। इसमें फैसला लिया गया कि सभी आढ़ती किसानों के आंदोलन के समर्थन में हड़ताल हो रही। मंडी पूरी तरह से बंद रखी जाएगी। न तो धान की बोली होगी और न ही वजन और उठान होगा। मंडी प्रधान ने कहा कि जो भी आढ़ती इसका समर्थन नहीं करेगा उसका बहिष्कार का भी निर्णय लिया जा सकता। उन्होंने कहा कि किसान और आढ़तियों का वर्षो से लेनदेन रहा है, इसलिए आढ़तियों ने इस हड़ताल का समर्थन करने का फैसला लिया है।
किसानों से हुए अभद्र व्यवहार का विरोध
हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष अशोक गुप्ता के आह्वान पर मंगलवार को करनाल की नई अनाज मंडी में आढ़ती सांकेतिक हड़ताल पर चले गए हैं। एसोसिएशन के चेयरमैन रजनीश चौधरी ने बताया हड़ताल यहीं पर समाप्त होगी या फिर अनिश्चितकालीन होगी इस बारे में शाम के समय फैसला लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान अपनी बात शांतिप्रिय तरीके से रखने के लिए भारत सरकार के पास दिल्ली जा रहे थे, लेकिन हरियाणा व भारत सरकार ने किसानों के साथ अभद्र व्यवहार किया है। इसमें लाठी चार्ज, कड़कड़ाती ठंड में वाटर कैनन द्वारा ठंडे पानी की बौछारे, आंसू गैस के गोले छोड़े गए। इस घटना के विरोध में वह हड़ताल पर हैं। एसोसिएशन इसकी निंदा करती है। हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन किसानो के साथ तीनों कानूनों का खुलकर विरोध करती है।
पानीपत में भी किसानों के समर्थन में मंडियों में हड़ताल
किसान आंदोलन के समर्थन में जिले की सभी मंडियों में हड़ताल रही। हालांकि सीजन निपटान पर है, थोड़ी बहुत धान की आवक चल रही है। हड़ताल के चलते सेल परचेज, तोल बंद रहा। मतलौडा से किसान और आढ़ती भी किसानों के समर्थन में दिल्ली गए हैं। पानीपत मंडी एसोसिएशन के प्रधान धर्मवीर मलिक ने कहा कि सभी आढ़ती किसानों के साथ है। पूरे जिले की मंडियों पानीपत, मतलौडा, समालखा में हड़ताल की गई है। अगर किसानों की मांगे नहीं मानी जाती को हड़ताल अनिश्चित काल के लिए हो सकती है। आढ़ती वेद गोयल ने बताया कि तीनों कानूनों की विरोध में मंडी में हड़ताल रखी गई है।
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जींद में भी मंडिया बंद
किसान आंदोलन के समर्थन में मंडियां बंद हैं। आढ़तियों ने किसानों पर वाटर कैनन से पानी की बौछार करने, मामले दर्ज करने पर सरकार के खिलाफ रोष जताया। आढ़ती एसोसिएसन प्रधान सत्यवान रेढू ने कहा कि किसान अपनी जायज मांगों के लिए शांतिपूर्वक आन्दोलन कर रहे हैं। कोरोना और ठंड को ध्यान में रखते हुए सरकार किसानों से तुरन्त बात करे और कृषि कानूनों को वापस ले। जिलेभर की मंडियों में हड़ताल रही। मंडियों में धान के ढेर लगे हैं। आज धान की खरीद नहीं हुई।
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