सत्य खबर
हरियाणा में कृषि बिल पर विरोध की चिंगारी अभी सुलग रही है। किसान संगठनों के साथ-साथ विरोधी सियासी दलों कांग्रेस और इनेलो के बागवती सुर भी मुखर हैं। सोमवार को कांग्रेस का जिला मुख्यालयों पर इसी बिल के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया गया। सभी जिलों में कांग्रेसियों ने धरना-प्रदर्शन कर जिला अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा। कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा इस दौरान जींद के जिला प्रदर्शन की कमान संभाल रही थी। इसी तरह अन्य कांग्रेसी नेता विभिन्न जिलों में विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे थे।
किसानों के साथ-साथ विरोधियों के आंदोलन का जवाब देने के लिए प्रदेश सरकार ने अब अपनी मंत्रियों और विधायकों की टीम फील्ड में उतारने का फैसला लिया है। सीएम मनोहर लाल खुद भी इस मोर्चे पर आगे हैं। वे भी निरंतर विभिन्न मंचों से किसानों को समझाने में लगे हुए हैं। अब मंत्रियों और विधायकों से कहा गया है कि वे भी किसानों के बीच जाकर उन्हें इस कृषि बिल के सही मायनों से अवगत करवाएं। ताकि किसान अपनी राजनीति चमकाने वाले विरोधी नेताओं के चुंगल से बाहर आकर एक बार इस बिल को सही ढंग से समझने की कोशिश करें।
इस दौरान किसानों को बताया जाएगा कि इस बिल से न तो कृषि मंडियां बंद होने वाली हैं और न ही उनकी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर बिकने वाली है। ये तो उनके लिए एक ऐसा विकल्प है। जिसके सहारे किसान अपनी फसल मंडियों से बाहर मार्केट फीस बचाते हुए समर्थन मूल्य से अधिक रेट पर देश में कहीं भी अपनी फसल बेच पाएगा। मंत्रियों और विधायकों के साथ-साथ भाजपा नेताओं से भी कहा गया है कि वे भी किसानों के बीच जाकर उन्हें इस बीच की वास्तविकता से अवगत करवाते हुए उन्हें मनाएं।
https://sat.magzian.com/%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ab%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%88%e0%a4%9f-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%82%e0%a4%a6%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b5%e0%a4%be/
कृषि क्षेत्र का होगा कायाकल्प, किसानों को फायदा
उधर, सहकारिता मंत्री डाक्टर बनवारी लाल ने कहा है कि ये कृषि बिल पूरी तरह किसान हित में हैं। इनसे न केवल कृषि क्षेत्र का कायाकल्प होगा बल्कि करोड़ों किसानों का सशक्तीकरण भी सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि इन विधेयकों के आने से मंडी व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के हितों पर आंच नहीं आने देगी। विपक्षी पार्टियां किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रही हैं, परंतु प्रदेश का किसान जागरूक और समझदार है, वह विपक्ष के बहकावे में आने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि संबंधित जो तीन विधेयक पास किए हैं उसे लेकर किसानों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इससे ना तो मंडी खत्म होगी और ना ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म होगा। इससे तो बल्कि किसानों को एक विकल्प मिल गया है, कि किसान अब मंडी के बाहर भी अपनी फसल बेच सकता है।
कांग्रेस हमेशा लोगों को भड़काने की राजनीति करती है
गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि किसानों की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य निरंतर जारी रहेगा। इस मुददे पर विपक्ष, किसानों को भड़काने में कभी भी सफल नहीं होगा। विज ने कहा कि कांग्रेस हमेशा विभिन्न मुद्दों पर लोगों को भड़काने की राजनीति करती रही है। परंतु वह कभी अपने मंसूबों में सफल नहीं रही।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं आगे आकर जनता को बताया कि फसलों पर एमएसपी जारी रहेगा, जिससे किसानों को कोई नुकसान नहीं होगा। पहले की भांति देश व प्रदेश में फसलों की सरकारी खरीद होती रहेगी और इतना ही नहीं अब किसान अपनी फसल को मंहगे दामों पर देश के किसी भी क्षेत्र में बेच सकेंगे, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि आज का किसान पढ़ा-लिखा व समझदार है, वह कांग्रेस के बहकावे में नहीं आएगा। कांग्रेस ने हमेशा दूसरों के कंधों पर बंदूक रखकर चलाई है। यह पार्टी हमेशा प्रजातंत्र के लिए अनफिट है। इनके पास न तो कोई तर्क होता है व न ही कोई बात होती है, ये लोग इसी प्रकार के हथकंडे अपनाते हैं।
बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा, जिसका सीधा लाभ किसानों का होगा
शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि ये कानून किसान हितैषी है। इससे बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा, जिसका सीधा लाभ किसानों का होगा। उन्होंने कहा कि दरअसल, जब कुछ लोगों के स्वार्थ पर जब आई, तो जानबूझकर इसका विरोध शुरू कर दिया गया। विपक्ष को केवल राजनीति करनी है और वो इस मुद्दे पर भी बाज नहीं आ रहा है।
केवल किसानों को भड़काने का काम व विपक्ष कर रहा है। मंत्री ने कहा कि ये सारा विरोधियों का एक षडयंत्र है और कुछ हताश लोग इकट्?ठा होकर किसानों को बरगलाकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाह रहे हैं। वास्तविकता में इससे किसानों का कोई नुकसान नहीं होने वाला। ये कानून किसान हितैषी है। बस, अपनी फसल को बेचने और उसकी कीमत के मोलभाव का गुर उसमें होना चाहिए।
Aluminium scrap transformation Scrap aluminium marketing strategies Environmentally-friendly metal disposal