सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
जहां विनय का फल सेवा कहा जा सकता है, वहीं गुरु सेवा का फल ज्ञान में निहित है। यह कथन राजकीय महाविद्यालय से सेवानिवृत्त एसोशिएट प्रोफेसर केरा सिंह ने गुरू पूर्णिमा के उपलक्ष में गुरू की महत्ता बताते हुए कहे। केरा सिंह ने कहा कि किसी ने ये यूं ही नहीं कह दिया कि गुरू गोविंद दाउ खड़े, काके लागूं पायँ, बलिहारी गुरू आपने जिन्हें गोविंद दिया बताय। उन्होंने कहा कि मनुष्य को गुरू द्वारा दिए गए ज्ञान से विरक्ति मिलती है, हालांकि यह गुरू कोई भी हो सकता है और इसी विरिक्ति का फल बंधन मुक्ति अथवा मोक्ष है। उन्होंने गुरू पूर्णिमा पर बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संकल्प लें कि जीवन में अपने गुरुओं का सम्मान करेंगे और ज्ञान प्राप्त करते हुए आगे बढ़ते रहेंगे।
Aluminium scrap material composition Scrap aluminium market development Metal recycling infrastructure