सत्य खबर, चण्डीगढ़
मुसेवाला की हत्या के पीछे एक साइड स्टोरी भी है। जिसकी शुरुआत 2005 से 2010 के बीच पंजाब यूनिवर्सिटी से शुरू होती है। ये कहानी है तीन दोस्तो की। जो एक दूसरे पर जान छिड़का करते थे। ये दोस्त थे। गोल्डी बराड़, विक्की मुथुखेड़ा और लॉरेंस बिश्नोई। तीनो की दिलचस्पी एक थी।तीनो ही म्यूजिक और राजनीति के दीवाने थे। पंजाब यूनिवर्सिटी में उन्होंने राजनीति की ABCD सीखी। लेकिन वक्त को मंजूर न था कि वो राजनीति को पेशा बना सके। पंजाब यूनिवर्सिटी से बाहर निकलते ही सभी ने अपने अपने किरदार चुन लिए।विक्की मुथुखेड़ा राजनीति और पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री का बड़ा नाम बनना चाहता था और वो कामयाब भी हुआ। राजनीति के लिए वो अकाली दल से जुड़ गया तो गोलडी बराड़ की रुचि व्यवसाय में थी। लॉरेंस बिश्नोई राजनीति में चमकना चाहता था लेकिन तकदीर ने उसे जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह बना दिया। लोग उसके नाम से ही खौफ खाते थे।
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लेकिन इन सब के बावजूद इन दोस्तों की दोस्ती में कोई दरार नही आई। तीनो ही अभी एक दूसरे के ऊपर जान छिड़का करते थे। लेकिन अगस्त 2021 का वो मनहूस दिन था जब मोहाली के पास विक्की मुथुखेड़ा को बदमाशो ने कुछ इस तरह घेर कर मार दिया। जिस तरह 29 मई 2022 को सिद्धू मुसेवाला की हत्या हुई थी। विक्की मुथुखेड़ा की हत्या के राज खुले तो नाम आया शगणप्रित का । शगणप्रित सिद्धू मुसेवाला का मैनेजर था। ये बात जब लॉरेंस बिश्नोई और विक्की मुथुखेड़ा को पता चली तो उन्होंने शगणप्रित को जान से मारने की कसम खाई लेकिन वो विदेश फरार हो गया ।
शगणप्रित को विदेश भगाने के पीछे सिद्धू मुसेवाला का नाम आया। बस यही पर मुसेवाला की हत्या की कहानी लिखी जानी शुरू हो गई। लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ मुसेवाला की हत्या के पीछे पड़ गए। इनके गुर्गों ने मुसेवाला का कई दिन तक पीछा किया आखिर उन्होंने पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के किंग सिद्धू मुसेवाला की 29 मई 2022 को हत्या कर दी।
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