सरकार तत्काल मोटी धान की सरकारी खरीद शुरू करे: मंडी प्रधान
सत्य खबर सफीदों, महाबीर मित्तल: सरकार द्वारा धान की सरकारी खरीद की तिथि बढ़ाने को लेकर सफीदों अनाज मंडी के आढ़तियों में भारी रोष देखने को मिला। आढ़तियों ने सरकार से तत्काल धान की सरकारी खरीद शुरू करने की मांग की है। गौरतलब है कि आज शुक्रवार से प्रदेश की मंडियो में धान की सरकारी खरीद शुरू होनी थी लेकिन सरकार ने उस खरीद कार्य की अवधि को आगामी 11 अक्तुबर के लिए बढ़ा दिया है। सरकार द्वारा पहले दी गई तिथि के अनुसार क्षेत्र के किसान मंडी में अपनी फसल तो ले आए लेकिन जब उन्हे पता लगा कि खरीद आज ना होकर 11 अक्तुबर से होगी तो उनमें भारी निराशा देखने को मिली। कच्चा आढ़ती संघ के पूर्व प्रधान अनुज मंगला ने आज से मोटी जीरी यानी पीआर की खरीद होनी शुरू होनी थी लेकिन सूबे की मनोहर सरकार ने इस तारीख को बदलकर 11 अक्टूबर कर दिया है जोकि किसान व आढ़ती के साथ कुठाराघात है। सफीदों में इस वक्त कई हजार किवंटल धान पड़ी है और वह धान 11 अक्तुबर तक पड़ी रहेगी। 11 तारीख को भी यह धान बिकेगी या नहीं यह भी समय के गर्भ में है। आज भी मंडी में धान आने का सिलसिला जारी है, ऐेसे में मंडी में पड़ी इस धान की रखवाली कौन करेगा और कौन किसानों के नुकसान की भरपाई कौन करेगा। सरकार द्वारा रातोरात दिए गए इस तुगलगी फरमान से किसान व आढ़ती सकते में है। उसे कुछ सूझ नहीं रहा है कि आखिर वह क्या करें और कहां जाए। अनुज मंगला ने कहा कि मोटी धान की खरीद सरकारी तौर पर होती है। प्राईवेट मिलर इस धान की खरीद नहीं करता है।
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सरकार द्वारा धान का मूल्य 1960 रूपए प्रति किवंटल तय कर रखा है और अगर उसे प्राईवेट स्तर पर बेचा जाए तो वह मात्र 1600 रूपए किवंटल बिकेगा और बिकेगा भी या नहीं यह कोई गारंटी नहीं है। इसके अलावा सरकार ने पोर्टल पर एक एकड़ में मात्र 25 किवंटल फसल खरीदनी तय कर रखी है। आज के दौर में नई तकनीक के बीजों के कारण प्रति एकड़ करीब 35 किवंटल फसल निकलती है। ऐसे में किसान बची हुई 10 किवंटल कहां पर लेकर जाए। थकहारकर उसे औने-पौने भावों में अपनी फसल बेचनी पड़ेगी। इसके अलावा सरकार बाजरे की फसल खरीदने से भी हाथ खींच रही है। सरकार की नासमझी के कारण किसान, आढ़ती व मजदूर को हर तरफ से मार पड़ रही है। वहीं मंडी मे प्रधान पाले राम राठी ने कहा कि उन्हे पता चला है कि सरकार ने धान खरीद की तिथी बढ़ा दी है जोकि गलत है। सरकार को आज से ही धान की खरीद का कार्य शुरू करना चाहिए। अगर सरकार को तिथी बढ़ानी थी तो उसे बहुत पहले ही इस बारे मे अवगत करवाना ख्चाहिए था। सरकार के इस फरमान के कारण किसानों व आढ़तियों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। अभी मंडी में हजारों किवंटल धान आ चुका है और 11 तारीख तक तो मंडी में धान की भारी भीड़ जमा हो जाएगी। उन्होंने सरकार से मांग की कि धान की खरीद को तत्काल प्रभाव से शुरू किया जाए। अगर अभ्भी खरीद शुरू होगी तो ही मोटी धान की खरीद-फिरोख्त का कार्य समय पर पूरा हो पाएगा। वहीं मार्किट कमेटी के सचिव जगजीत कादियान इस बारे में जानकारी देने में बचते नजर आए।
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