सत्यखबर चंडीगढ़, (ब्यूरो रिपोर्ट) – इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित की गई नई फसल खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से कामयाब रही है। इस खरीद प्रक्रिया के माध्यम से न ही किसानों को रात-रात भर मंडियों के शेड के नीचे सोने को मजबूर होना पड़ा और न ही हर बार की तरह शहरों को सड़कों पर ट्रैक्टर-ट्रालियों की लंबी-लंबी लाईनों की वजह से जाम की स्थिति का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं प्रदेश सरकार मंडियों में किसानों को कोराना संक्रमण के बचाव के मकसद में पूरी कामयाब रही है।
ये जानकारी आज प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने दी। वे शुक्रवार को चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रह थे। इस अवसर पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सरदार निशान सिंह, जेजेपी विधायक रामकरण काला, प्रदेश कार्यालय सचिव रणधीर सिंह आदि मौजूद रहे।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि नई खरीद प्रक्रिया को कामयाब बनाने के लिए प्रदेश सरकार को किसानों व आढ़तियों का पूरा सहयोग मिला जिसके लिए वे उन्हें धन्यवाद करते है। उन्होंने कहा कि करीब 2100 फसल खरीद केंद्रों पर किसानों की फसलों को खरीदा गया, जहां सरकार ने कोरोना के बचाव के लिए पूरी व्यवस्था कर रखी थी। उन्होंने कहा कि इसी के परिणामस्वरूप प्रदेश की मंडियों में एक भी कोविड-19 का मामला नहीं मिला जबकि पंजाब की मंडियों में कोरोना संक्रमण के फैलाव के मामले सामने आये।
इतना ही दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इस बार पिछले सालों के मुकाबले न मंडियों में आने वाले किसानों की वजह से शहरों में जाम लगा और न ही रात-रातभर मंडियों में किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए जगना पड़ा। उन्होंने कहा कि सरकार ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल के माध्यम से बेहतर तरीके से किसानों की फसल खरीदी।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार गेहूं की खरीद को लेकर प्रदेशभर में कुल 75 से 80 लाख मीट्रिक टन के बीच खरीद का अनुमान लगाया था, जो कि सही साबित होगा। उन्होंने कहा कि आगामी तीन-चार दिनों में अपनी फसल बेचने से बचे किसानों को दो बार संदेश भेजकर मंडियों में बुलाया जाएगा और उनकी फसल खरीदी जाएगी। उन्होंने कहा कि शुक्रवार (15 मई) सुबह तक 63 लाख 86 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदी जा चुकी है और इसमें से 44 लाख 17 हजार मीट्रिक टन गेहूं का उठान करते हुए फसल को गोदाम तक पहुंचाने की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है।
गेहूं के भुगतान के बारे में बताते हुए दुष्यंत चौटाला ने बताया कि प्रदेश सरकार अब तक 5250 करोड़ रुपये आढ़तियों के खाते में डाल चुकी है। उन्होंने कहा कि शनिवार (16 मई) सुबह तक 2200 करोड़ रूपये तक के भुगतान को भी पूरा करने का काम सरकार करेगी। साथ ही उन्होंने आढ़तियों से भी अपील की कि वे जल्द लिखत-पढ़त की प्रकिया को पूरी करते हुए उसे पोर्टल पर अपलोड करने का काम करे ताकि भुगतान प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।
गेहूं की लिफ्टिंग के बारे में डिप्टी सीएम ने बताया कि प्रतिदन 3.30 लाख मीट्रिक टन के हिसाब गेहूं का उठान प्रदेशभर की मंडियों से हो रहा है। उन्होंने ये भी बताया है कि अब सरकार ने मंडियों में फसल कम आने के चलते करीब 1800 खरीद केंद्रों को घटाकर करीब 900 कर दिये है। उन्होंने इसकी वजह बताते हुए बताया कि पहले गेहूं की खरीद जो प्रतिदिन करीब 4 लाख मीट्रिक टन हो रही थी वो पिछले दो-तीनों में घटकर प्रतिदिन एक से डेढ़ लाख मीट्रिक टन के आस-पास हो रही है।
प्रेसवार्ता के दौरान के दुष्यंत चौटाला ने ये भी बताया कि प्रदेश के आढ़तियों की मांग पर हरियाणा सरकार अन्य राज्यों की गेहूं की भी खरीद करेगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए अन्य राज्यों के किसानों के लिए प्रदेश सरकरा मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल का ही प्रयोग करेगी। उन्होंने कहा कि 17 मई रात 12 बजे से इस पोर्टल को अन्य राज्य के किसानों के लिए चालू कर दिया जाएगा और 20 मई से सशर्त गेहूं की खरीद की जाएगी। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अन्य राज्यों की 10 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है। इसमें प्रति किसान प्रति एकड़ 20 क्विंटल और एक किसान से 360 क्विंटल से ज्यादा की मात्रा में गेहूं नहीं खरीदा जाएगा।
कोरोना महामारी के बाद प्रभावित हुए उद्योगों को वापस सुचारू करने के बारे में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि करीब 47 हजार यूनिटों को काम करने की परमिशन दी जा चुकी है और करीब 29 लाख 75 हजार लोगों ने काम करना शुरू कर दिया है। दुष्यंत चौटाला ने ये भी बताया कि आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश सरकार कोरोना से पहले 27-28 लाख श्रमिकों को काम देता थे लेकिन कोविड-19 के दौरान ताजा आंकड़ों के अनुसार इन आकड़ों को संशोधित करने की आवश्यकता है क्योंकि प्रदेश सरकार उद्योग के जरिए करीब 50 लाख लोगों को काम देने का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं को ज्यादा से ज्यादा ट्रैनिंग देकर उदयोगों के जरिए रोजगार देने की दिशा में कार्य करेगी।
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