सत्य खबर
नारायणा और बुड़शाम के बीच विगत दस दिनों में दो कारें नहर में गिरी हैं। इनमें एक उद्यमी की मौत हो चुकी है, जबकि बुधवार शाम डूबे युवकों की तलाश की जा रही है। इससे पहले ही किसान आंदोलन के दौरान राशन लेकर जा रहे दो युवकों की सिवाह पुल के पास नहर में कार गिरने से मौत हो चुकी है। रोड के पश्चिमी किनारे अवरोधक नहीं होने से लोगों में रोष है।
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करीब तीन साल पहले लोकनिर्माण विभाग ने दिल्ली जाने वाली दोनों नहरों के बीच सड़क बनाई थी। जीटी रोड पर ट्रैफिक के दबाव को कम करने के लिए इसे बनाया गया था। अच्छा रोड और ट्रैफिक कम होने से वाहन चालक इसका उपयोग करते हैं। यह दिल्ली के अलावा गन्नौर व सोनीपत जाने का रास्ता है। इसके किनारे बसे दो दर्जन गांव वाले भी इसका इस्तेमाल करते हैं। रोड के पूर्वी भाग में जगह-जगह अवरोधक लगे हैं, जबकि पश्चिमी भाग पूरी तरह खुला है। वाहनों के अनियंत्रित होने पर यात्री सीधे नहर में गिर रहे हैं। लोकनिर्माण के जेई कुलबीर सिंह कहते हैं कि एस्टीमेट में अवरोधक का प्रस्ताव भेजा गया था। दोबारा प्रस्ताव भेजने की कोशिश की जाएगी।
अवरोधक होते तो बचती जान
एनएफएल के पास विकास नगर के प्रेम सिंह कहते हैं कि रोड के किनारे अवरोधक होता तो उसकी कॉलोनी के जतिन की जान बच सकती थी। सरकार को बढ़ रहे हादसे से रोड पर अवरोधक लगाना चाहिए।
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