सत्य खबर, कमल कांत शर्मा, नूहं
स्मार्ट रेडियो मेवात के कार्यक्रम” हिंसा को नो” के अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कान्फ्रेंस हॉल मे ट्रेनिंग सत्र का आयोजन किया गया। ये सत्र पूर्ण रूप से घरेलू हिंसा पर आधारित था, इस प्रशिक्षण को डालसा के पैनल एडवोकेट व पीएलवी के साथ किया गया। ट्रेनर हर्षिता सिंह एडवोकेट ने बताया कि घरेलू हिंसा विवाहित दुर्व्यवहार अंतर्गत साथी हिंसा घरेलू मारपीट या पारिवारिक हिंसा आदि) सहवास अथवा विवाह जैसे बंधनों के बाद घरेलू स्तर पर एक साथी का अन्य साथी के साथ मारपीट अथवा दुर्व्यवहार को प्रकट करने वाला शब्द है। अंतरंग साथी अथवा जीवन साथी के साथ दुर्व्यवहार भी घरेलू हिंसा की श्रेणी में आता है।
घरेलू हिंसा विपरीत लिंगी अथवा समलैंगिक संबंधों में भी हो सकती है। घरेलू हिंसा के शारीरिक, भावनात्मक, मौखिक, आर्थिक और यौन शोषण सहित विभिन्न रूप हो सकते हैं, जिसमें धूर्तता से लेकर विवाह पश्चात बलात यौन सम्बन्ध और हिंसक शारीरिक शोषण भी शामिल हैं एवं इसके परिणामस्वरूप मानसिक अथवा शारीरिक विरूपण अथवा मौत भी संभव है।
वैश्विक रूप से सामान्यतः पत्नी अथवा महिला साथी घरेलू हिंसा की शिकार अधिक होती है हालांकि इसका शिकार पुरुष साथी अथवा दोनों एक दूसरे के खिलाफ घरेलू हिंसा का शिकार हो सकते हैं अथवा दोषी आत्मरक्षा या प्रतिशोध के कारण भी घरेलू हिंसा का शिकार हो सकता है।
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जबकि विकसित विश्व में घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को प्राधिकारियों के पास खुले आम शिकायत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, यह तर्क दिया जाता है कि पुरुषों के साथ होने वाली घरेलू हिंसा को प्रतिवेदित नहीं किया जाता क्योंकि इससे उन्हें सामाजिक रूप से कायर और पुरुषत्वहीन माना जाता है। डालसा के सीजेएम प्रतीक जैन ने बताया कि किसी भी कानूनी सहायता के लिए डालसा ऑफिस में संपर्क कर सकते हैं और महिलाओं के लिए फ्री वकील भी दिया जाता है। रेडियो मेवात की टीम से सीनियर रिपोर्टर सुनीता मिश्रा व मुफीद खान मौजूद रहे।
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