सत्यखबर हरियाणा (अशोक छाबड़ा) – कोरोना महामारी में यात्रियों की कमी से जहां परिवहन व्यवस्था बेपटरी है, वहीं रोडवेज बसों में लांग रूट और लोकल रूट के किराये में अंतर यात्रियों और परिचालकों में झगड़े करा रहा। सरकार के स्पष्ट निर्देश है कि 100 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने के बाद ही टिकट पर पांच पैसे प्रति किमी अतिरिक्त किराया वसूला जाए, लेकिन कई जगह लोकल यात्रियों से भी अधिक किराया वसूला जा रहा। इसके अलावा खुले पैसों को लेकर बसों में विवाद के चलते अब पांच के गुणक में किराया निर्धारित करने की तैयारी है।
कैबिनेट की अगली बैठक में राउंड फिगर में किराये का प्रस्ताव पारित होगा। प्रदेश सरकार ने 30 मार्च को साधारण बसों के किराये को 85 पैसे प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 100 किलोमीटर तक एक रुपये प्रति किलोमीटर तथा इससे अधिक दूरी की यात्रा के लिए एक रुपये पांच पैसे प्रति किलोमीटर निर्धारित किया था। कई परिचालकों को नियम की सही से जानकारी नहीं होने से अलग-अलग किराया लिया जा रहा। लांग रूट की बसों में बीच के स्टेशन से चढऩे-उतरने वाली सवारी से भी एक रुपये पांच पैसे प्रति किमी वसूले जाने से यात्रियों को परिचालक से उलझते देखा जा सकता है।
उदाहरण के लिए एक बस पहले फतेहाबाद से सिरसा जाती है और उसके बाद सिरसा से चंडीगढ़ या जयपुर। फतेहाबाद से सिरसा तक पहले जाते हुए 47 रुपये किराया है और उसी बस में वापस आने पर 49 रुपये किराया हो जाता है। हालांकि किराया राउंड फिगर में कर दिया जाए तो सारी समस्या खत्म हो जाएगी। मार्च तक रोडवेज बसों में राउंड फिगर में किराया लिया जा रहा था। यानी किसी रूट पर 42 रुपये किराया लगता था तो यात्री से 40 रुपये लिए जाते थे और किराया 43 होने पर 45 रुपये। इससे खुले पैसों का झंझट नहीं पड़ता था। मौजूदा समय में यह सिस्टम खत्म करने से काफी दिक्कतें आ रही हैं।
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