सत्य खबर, चण्डीगढ़
हरियाणा के युवा ही नहीं बल्कि बच्चे भी देश का नाम रोशन कर रहे है। अब सोनीपत के मार्टिन मलिक को ही देख लीजिए जो 8 साल की उम्र में वो मुकाम हासिल कर चुके हैं जो लोग सदियों में नहीं कर पाते। तभी तो मार्टिन को लंदन की संसद में सम्मानित किया जाएगा।
सोनीपत के गांव बिधल हाल सेक्टर-23 में अपने माता पिता के साथ रहते है। तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले मार्टिन ने 3 मिनट में पंचिंग बैग पर 1700 पंच कर विश्व रिकॉर्ड बनाया और किक बॉक्सिंग में इतिहास रच दिया।
रिकॉर्ड की बात करें तो मार्टिन ने 8 विश्व, 2 एशिया व 2 इंडिया रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। हैरानी की बात तो ये है कि इनमें 6 विश्व रिकॉर्ड 12 जनवरी को एक ही दिन में अपने नाम किए हैं। इसके लिए मार्टिन को मार्च में लंदन की संसद में सम्मानित किया जाएगा।
मार्टिन मलिक ने ये साबित कर दिया है कि दृढ़ निश्चय और कठोर परिश्रम से किसी भी उम्र में हर मंजिल को हासिल किया जा सकता है। मार्च 2020 लॉकडाउन के दौरान मार्टिन ने घर पर रहकर अपने पिता संजय मलिक के सहयोग और मार्गदर्शन से किक बॉक्सिंग का चैंपियन बना।
8 साल 1 महीना 21 दिन की उम्र ही मार्टिन ने अक्तूबर 2021 में रसिया के पावेल के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ दिया। मार्टिन ने 25 अक्टूबर 2021 को 3 मिनट में 1019 पंच पंचिंग बैग पर मारकर इस विश्व रिकॉर्ड को अपने नाम कर लिया।
उसके बाद मार्टिन ने एक के बाद एक की रिकॉर्ड अपने नाम किए। मार्टिन की उपलब्धि से खुश माता-पिता ने कहा कि मार्टिन को बेहतर कोचिंग मिले तो वह देश का नाम जरूर रोशन करेगा। मार्टिन की प्रतिभा से खुश होकर ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा ने भी मार्टिन को डिनर पर बुलाया था।
नीरज चोपड़ा ने मार्टिन से कहा था कि वह इसी तरह खेलता रहे, वह उसके साथ है। आगे जाकर वह बहुत अच्छा कर सकता है। मार्टिन की पिता संजय मलिक ने कहा कि दूसरे देश मार्टिन को सम्मान दे रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार का कोई मंत्री उसकी तरफ ध्यान नहीं दे रहा।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सरकार मार्टिन की तरफ भी ध्यान दे ताकि उसकी प्रतिभा में निखार आए और वह देश व प्रदेश का नाम रोशन कर सके। वहीं मार्टिन मलिक ने बताया कि पापा को बॉक्सिंग करते देखा तो इसका अभ्यास कराना शुरू कर दिया। मेरा सपना भी नीरज चोपड़ा की तरह ओलंपिक में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना है।
Aluminium recycling data analysis Scrap aluminium pricing trends Metal recycling