सत्य खबर, मुंबई
बॉलीवुड एक्ट्रेस दीया मिर्जा कुछ महीने पहले अपनी दूसरी शादी और बच्चे को लेकर सुर्खियों में थीं। अब दीया मिर्जा एक बार फिर चर्चा में हैं, इस बार वजह उनके पिता की यादों और सौतेले भाई से जुड़ी हुई है।। हाल ही में एक्ट्रेस दीया मिर्जा ने खुलासा किया कि वह अपने दिवंगत पिता की कुछ चीजें संजोकर अपने पास रखना चाहती थीं, लेकिन अभी उनके पास जो कुछ है वो उसी से संतुष्ट है। जब दीया 9 साल की थीं तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई थी।
जर्मन कलाकार थे दीया के पिता एक इंटरव्यू में बॉलीवुड की खूबसूरत अदाकार दीया मिर्जा ने अपने बायोलॉजिकल फादर और जर्मन कलाकार फ्रैंक हैंड्रिच के बारे में बात की। इस दौरान उन्होंने कई खुलासे किए। दीया मिर्जा ने बताया कि उनकी मां दीपा बंगाली इंटीरियर डिजाइनर हैं। जब वह (दीया) पांच साल की थीं तो दीपा और फ्रैंक अलग हो गए थे। इसके बाद दीया मिर्जा के पिता फ्रैंक ने दूसरी शादी कर ली। इसके बाद दीपा ने भी हैदराबाद में अहमद मिर्जा से शादी की।
सौतेले भाई को मिली पिता की सभी चीजें अहमद मिर्जा, दीया के सौतेले पिता हैं। मैगजीन हार्पर बाजार को दिए इंटरव्यू में दीया ने बताया कि उनके पास पिता की कुछ संपत्ति थी लेकिन वह बाद में सौतेले भाई के पास चली गई। दीया ने कहा, उनका (फ्रैंक हैंड्रिच) का सारा सामान मेरे सौतेले भाई के पास चला गया, जो उनकी मौत के बाद पैदा हुआ था। कुछ साल पहले मेरी सौतेली मां और भाई मुझसे मिलने के लिए बॉम्बे आए थे। मैंने उन्हें पूरा घर दिखाया।
पिता की यादें हैं बेशकीमती दीया ने आगे कहा, ‘सौतेला भाई गलियारे में चला गया जहां मेरे पास बहुत सारी तस्वीरें हैं, फोटोज में मैं अपने माता-पिता के साथ बच्ची के रूप में हूं। उसी पल इतने सालों से पापा की चीजो को लेकर जो दर्द और तकलीफ मैं ढो ही थी वह गायब हो गई। मैंने महसूस किया कि जो चीज मेरे पास है वह बेशकीमती है जो कि उन्हें लेकर मेरी यादें हैं।’ दीया ने बताया कि वह साल 2018 में सौतेले परिवार से मिलने जर्मनी गई थीं।
अपने पिता के करीब थीं दीया मिर्जा उन्होंने अपनी जड़ों को तलाशते हुए जर्मनी से कई तस्वीरें साझा कीं। दीया ने अपने पिता के बारे में बात करते हुए कहा था, ‘मैं 4 साल में अपने पिता के बहुत करीब थी, वह मेरे हीरो थे।’ दीया ने बताया था कि फिल्म ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ में जिमी शेरगिल के साथ एक शूट में उन्होंने अपने पिता को याद करते हुए लाइन बोली थी कि वो मेरे हीरो हैं। दीया के लिए हमेशा उनके पिता हीरो थे, इसलिए उन्होंने ऐसा कहने से खुद को नहीं रोका।
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