सत्य खबर, चण्डीगढ़
सरकार का उद्देश्य पानी को बचाना है और सरकार चाहती है कि खेतों में होने वाली पानी कि बर्बादी को भी कम किया जा सके। ऐसे में अब हरियाणा सरकार भी इसके लिए कड़े नियम बना रही है। हाल ही में हरियाणा सरकार ने सिंचाई के तौर तरीको में भी बदलाव करने का फैसला किया है। हरियाणा सरकार द्वारा इसके लिए कई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। सरकार ने कहा है कि जिन गांवों में भू जल स्तर 100 फुट से नीचे हैं वहाँ सिर्फ टपका प्रणाली से ही सिंचाई की जा सकेगी। इसके अलावा भी कई9 बदलाव किए गए हैं।
हरियाणा सरकार ने सिंचाई प्रणाली में किया बदलाव
जहां 100 फुट से नीचे भू जल स्तर वाले गांवों को टपका प्रणाली से सिंचाई करनी है तो वहीं जिन गांवों का भू जल स्तर 100 फुट तक है वहाँ अंडरग्राउंड पाइप डाली जाएंगी जिन्हें ट्यूबवेल से कनेक्ट किया जाएगा। इससे ट्यूबवेल से पानी सीधा खेतों में जाएगा और पानी की बर्बादी भी नहीं होगी। वहीं अब ट्यूबवेल कनेक्शन भी उन्हीं किसानों को दिया जाने वाला है जो इन नियम व शर्तों को मानेंगे। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम हिसार के कई अधिकारियों ने जारी पत्र में इस बात का खुलासा भी किया है कि प्रदेश के सभी जिलों के ब्लॉकों में भू जल स्तर लगातार कम हो रहा है। इस समस्या को गंभीर बनने से रोकने के लिए ही अब हरियाणा सरकार की ओर से ये बड़ा फैसला किया गया है। अब सरकरा द्वारा सिंचाई प्रणाली में भी बदलाव कर दिये गए हैं।
नियम और शर्त मानने पर ही मिलेगा ट्यूबवेल कनेक्शन
कहा जा रहा है कि इसके लिए किसानों को भी सबसे पहले टपका प्रणाली और अंडरग्राउंड प्रणाली के लिए भौतिक निरीक्षण भी कराना होगा। प्रदेश में अब तक 45 ब्लॉक डार्क ज़ोन में रखे गए हैं। इन ज़ोन में तो निगम अब ट्यूबवेल कनेक्शन जारी ही नहीं कर रहा है।वहीं सरकार द्वारा किसानों को सीधी बिजाइ के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। लेकिन निगम ने साफ कर दिया है कि नियम और शर्त मानने पर ही ट्यूबवेल कनेक्शन जारी किए जाएंगे।
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