सत्य खबर, करनाल
दिल्ली, पंजाब के बाद हरियाणा में भी मौसम का असर दिख रहा। हरियाणा के कई शहरों में भीषण गर्मी और हीट वेव चलेगी। साथ ही आंधी की भी संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग ने भी अलर्ट जारी किया है।
इस समय भीषण गर्मी के साथ चल रहे लू के थपेड़ों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। गर्मी व लू से लोगों के हलक सूख रहे हैं। दिन का तापमान 41.0 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। वहीं रात के तापमान में भी इजाफा होकर 20.0 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया गया है।
इस समय देशभर में जो मौसमी परिस्थितियां बनी हुई हैं, उसके मुताबिक हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में गर्मी व लू से राहत के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। हालांकि हवा की गति में इजाफा हो सकता है।
कुछ जगहों पर धूलभरी आंधी चलने की संभावना है। जो लोगों की परेशानी को ओर अधिक बढ़ाएंगी। वहीं दूसरी ओर गेहूं के सीजन में उठ रही धूल के कारण एक्यूआइ का स्तर भी बढ़ गया है। पीएम-10 का स्तर 116 पीपीएम तथा पीएम 2.5 का स्तर 180 तक पहुंच गया है। धूल-मिट्टी युक्त इस वातावरण से लोगों की परेशानियों बढ़ गई हैं।
देशभर में यह बना हुआ है मौसमी सिस्टम
केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक इस समय पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी पाकिस्तान और आसपास के इलाकों पर बना हुआ है। उत्तर पश्चिमी राजस्थान से सटे इलाकों में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। विदर्भ से तेलंगाना होते हुए आंतरिक कर्नाटक तक एक टर्फ रेखा बनी हुई है। एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण अरब सागर के मध्य भाग पर बना हुआ है। एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र आंध्र प्रदेश और उत्तरी तमिलनाडु तट के पास दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी के पश्चिम मध्य भागों पर बना हुआ है।
अप्रैल माह में बढ़ गई चर्म रोगियों की संख्या
मौसम में बदलाव के साथ स्वास्थ्य पर भी असर पड़ने लगा है। शुष्क मौसम से चर्म रोग के मामले बढ़ने लगे हैं। इन दिनों चर्म रोग विशेषज्ञों के पास मरीजों की लंबी कतार लग रही है। चर्म रोग विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले दिनों में चर्म रोग की समस्याएं ज्यादा बढ़ सकती हैं। स्केबीज के साथ एलर्जी के मामले ज्यादा आ रहे हैं। नागरिक अस्पताल में ही पिछले करीब एक सप्ताह से चर्म रोग के मरीज पहले की तुलना में कई गुना बढ़ गए हैं।
नागरिक अस्पताल में आने वाले मरीजों में प्रतिदिन करीब 180 से 200 केस चर्म रोग से संबंधित मामले आ रहे हैं। चर्म रोग विशेषज्ञ डा. एसपी सिंघल ने बताया कि इन दिनों अधिकांश मरीज स्केबीज, एलर्जी और दाद से संबंधित आ रहे हैं। फसल कटाई के दौरान धूल-मिट्टी लगे हुए कपड़े ज्यादा देर तक पहनने, धूल मिट्टी त्वचा पर जमने, पसीना ज्यादा देर तक शरीर में होने के कारण त्वचा रोग को बढ़ावा मिलता है।
Aluminium scrap training programs Aluminium scrap melting processes Metal waste recuperation