चंडीगढ़। हरियाणा के नाराज 40 हजार कर्मचारियों ने साझा मोर्चा बनाकर प्रदेशव्यापी आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। आंदोलन की घोषणा के अनुसार एनएचएम कर्मचारी, ठेका कर्मचारी व आशा वर्कर 25 जून को सभी पीएचसी, सीएचसी, जरनल अस्पताल, पीजीआई व मेडिकल कॉलेज में विरोध प्रदर्शन करेंगे। कोविड-19 के मद्देनजर प्रदर्शन सांकेतिक होंगे, कामकाज बाधित नहीं किया जाएगा। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग व सरकार ने मांगों एवं समस्याओं का समाधान करने की ठोस पहल नहीं की तो बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी। साझा मोर्चे में विभाग में सालों से कार्यरत ठेका कर्मचारी, एनएचएम में कार्यरत डॉक्टर, नर्स, एएनएम सहित अन्य पदों पर तैनात स्टाफ और आशा वर्कर शामिल हैं। आंदोलन का निर्णय रविवार देर शाम सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में लिया गया। इसमें एसकेएस के महासचिव सतीश सेठी, एनएचएम कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान रिहान रजा, महासचिव हरिराज, आशा वर्कर यूनियन हरियाणा की राज्य प्रधान प्रवेश कुमारी व महासचिव सुरेखा मौजूद रहे। वर्षों से कार्यरत सिक्योरिटी गार्ड सहित अन्य पदों पर कार्यरत 11 हजार ठेका कर्मचारियों की छंटनी, एनएचएम स्टाफ के अनुबंध नवीनीकरण में कोविड 19 के दौरान भी अनावश्यक शर्त लगाने, एनएचएम कर्मचारियों की 35 दिन की हड़ताल अवधि का वेतन जारी न करने व आशा वर्कर्स को उनके फिक्स मानदेय का डबल वेतन जोखिम भत्ते के तौर पर न देने पर बैठक में चर्चा की गई। कर्मचारी नेताओं ने कोरोना योद्धाओं को आवश्यक सुक्षा उपकरण देने की मांग की है। लांबा ने बताया कि सरकार व स्वास्थ्य विभाग एनएचएम कर्मचारियों व आशा वर्करों की लंबित मांगों एवं समस्याओं की लगातार अनदेखी कर रहा है। कर्मचारियों को 50 प्रतिशत काटे गए वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। कोरोना के लिए दिए जा रहे इंसेंटिव्स का भी 50 प्रतिशत नहीं मिला। आशा वर्कर्स को गुणवत्तापूर्ण मास्क, सैनिटाइजर, दस्ताने और पीपीई किट देने की मांग की अनदेखी की जा रही है। विभाग ठेकेदारों को बीच से हटकर ठेका कर्मचारियों को सीधे विभाग के पे रोल पर करे।
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