किसानों के लिए मुसीबत बनी बरसात
खेतों में जमा हुआ 2-3 फूट पानी
पानी की वजह से फसलें हुई बर्बाद
किसानों ने सरकार से लगाई मदद की गुहार
सत्य खबर रतिया
मानसून की पहली बरसात ने रतिया के किसानों को बर्बादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है….ठेके पर जमीनें लेकर खेती करने वाले किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा हो चुका है…क्योंकि 2 दिन की बरसात से खेतों में दो से तीन फुट पानी जमा हो गया जिससे किसानों की नरमा के अलावा अन्य कई फसलें बर्बाद हो गई
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किसानों का कहना है कि पचास हजार रुपए प्रति एकड़ पर जमीनें ठेके पर लेकर उन्होंने नरमें और धान समेत अन्य फसलों की बिजाई की थी मगर 2 दिन की मूसलाधार बरसात ने उन्हें बर्बादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है पानी की कोई निकासी नहीं…प्रभावित किसानों ने सरकार से गुहार लगाई है कि उनकी फसलों की गिरदावरी कर उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए ।
गौरतलब है कि रतिया क्षेत्र में ज्यादातर किसान जमीन ठेके पर लेकर खेती करते हैं मगर बरसात और घगर नदी के उफान के कारण किसानों की फसलें तबाह हो जाती हैं जो किसानों की बर्बादी का कारण बनती हैं
इस बार भी किसानों द्वारा हजारों रुपए खर्च कर जमीने ठेके पर लेकर नरमा और धान की रोपाई की थी और मौसम की पहली बरसात ने उनके सपनों पर पानी फेर कर उन्हें बर्बादी की तरफ धकेल दिया है जिससे अब किसानों की निगाह सरकार से मिलने वाले उचित मुआवजे पर है…
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