सत्य खबर । यमुनानगर
हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल पंचकूला के चेयरमैन ने रजिस्ट्रेशन पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके चलते काफी संख्या में फार्मासिस्ट ऐसे हैं, जो रजिस्ट्रेशन से वंचित रह गए। मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर गांधी नगर निवासी संजय कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, गृह मंत्री अमित शाह को शिकायत भेजी। संजय ने शिकायत में बताया कि चेयरमैन ने मार्च 2019 में चार्ज संभाला था।
उसके बाद से ही जिन्होंने दूसरे राज्यों से डी फार्मा, बी फार्मा किया है। उनका रजिस्ट्रेशन 7 मार्च 2019 से बंद कर दिया जबकि सरकार का कोई ऐसा नियम नहीं है। दूसरे राज्य से कोर्स करने वाले का यहां रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। इसे लेकर चेयरमैन की ओर से फार्मेसी काउंसिल की वेबसाइट पर नोटिस लगा रखा है। इस पर लिखा है कि आउट साइड का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा। केवल हरियाणा के निवासी का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। पंचकूला कार्यालय में ऐसी हजारों फाइल पेंडिंग हैं। सालों से इंतजार किया जा रहा है। जो सरकारी फीस जमा की गई है, उसकी जानकारी आरटीआई से ली गई।
उसमें बताया गया कि 8 नवंबर 2019 से काउंसिल में रजिस्ट्रार नहीं है। इसलिए रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा सकता है। डी फार्मा स्टूडेंट्स के साथ खिलावड़ हो रहा है। एक साल पहले ऑनलाइन आवेदन किए गए थे। फिर भी फाइल पेंडिंग छोड़ी गई है। इतना ही नहीं यहां के मुखिया स्टूडेंट के साथ सही व्यवहार तक नहीं करते हैं। अगर कोई शिकायत लेकर जाता उसे बाहर भेज दिया जाता है।
संजय ने बताया कि एक साल के दौरान कई बार नियुक्तियां निकली हैं। लेकिन जब तक हरियाणा फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन नहीं होगा। तब तक नौकरी के लिए आवेदन नहीं किया जा सकता। उनके बेटे सचिन ने काला अंब से डी फार्मा किया है।
वह अंबाला में ट्रेनिंग भी ले चुका है। सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई। उसके बाद ही ऑनलाइन आवेदन फार्मेसी में किया। एक साल में पंजीकरण तक नहीं किया गया। अकेला उनका बेटा ही नहीं ऐसे बहुत से युवा हैं जो फार्मासिस्ट करने के बाद भी नौकरी के लिए आवेदन करने से वंचित हैं। उनकी मांग है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
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