Bhajanlal became the Sarpanch and then the CM
सत्यखबर,पॉलिटिकल डेस्क। छोटी सरकार के चुनाव के जरिए ही हुड्डा, अभय, तैय्यब हुसैन, गुरदयाल सैनी, राजकुमार सैनी, जसङ्क्षवद्र संधू सहित 50 राजनेताओं ने सियासत में रखा कदम
हरियाणा में छह हजार से अधिक सरपंचों और 416 जिला परिषद सदस्यों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं। लोकतंत्र में गांव की सरकार का यह चुनाव किसी उत्सव से कम नहीं होता है। वैसे भी छोटी सरकार के चुनाव के बाद ही हरियाणा में भी बहुत से नेता बड़ी सरकार में भी ‘सरदार’ बने हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम चौधरी भजनलाल का है। चौधरी भजनलाल 1952 में गांव के सरपंच बने और उसके बाद ब्लॉक समिति के सदस्य रहे। इसके बाद ही वे पहली बार 1968 में आदमपुर से विधायक चुने गए।Bhajanlal became the Sarpanch and then the CM
Also check this news links:
कृषि मंत्री जेपी दलाल का बयान, खानक और डाडम में जल्द शुरू करवाएंगे खनन
हादसे के बाद मर्सिडीज से अनिल विज का हुआ मोह भंग, मुख्य सचिव को चिट्ठी लिख मांगी दूसरी गाड़ी
दिल, दिमाग और पेट की बीमारी के लिए बेहद खतरनाक है गुस्सा, याददाश्त भी होती है कमजोर, जानिए कैसे?
दिल्ली समेत इन पांच राज्यों में शीतलहर का अलर्ट, जानिए कितने दिन के लिए
सरपंच के बाद ही भजनलाल मंत्री और फिर तीन बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने। इसी प्रकार से लोकसभा के सदस्य रहे और 1987 में विधायक बनने से पहले गुरदयाल सैनी 1971 से लेकर 1987 तक कुरुक्षेत्र के कैंथलखुर्द गांव के सरपंच रहे। पंजाब, राजस्थान और हरियाणा राज्यों में मंत्री रहकर अनूठा रिकॉर्ड बना चुके तैय्यब हुसैन कई बार विधायक बने। विधायक बनने से पहले हुसैन 1960 से 1962 तक गांव रेहना के सरपंच और नूंह ब्लॉक समिति के मेंबर रहे। दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री बने चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी पहले ब्लॉक समिति के सदस्य चुने गए और फिर लोकसभा के सदस्य एवं विधायक निर्वाचित हुए।
पूर्व मंत्री जसविंद्र संधू भी विधायक बनने से पहले 1978 से 1991 तक गुमथला गांव के सरपंच रहे। हरियाणा की सियासत के बड़े किरदार रहे मनीराम गोदारा लोकसभा के सदस्य रहने के अलावा ङ्क्षसचाई व गृह मंत्री रहे। कई बार विधायक चुने गए गोदारा सबसे पहले 1960 से 1965 तक गांव बड़ोपल के सरपंच रहे। कुरुक्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए राजकुमार सैनी कई बार विधायक भी रहे। पर उससे पहले वे अंबाला जिला के गांव छोटी रासौर से सरपंच चुने गए। पूर्व संसदीय सचिव रामपाल माजरा नंदकरी माजरा गांव के सरपंच के जरिए साक्रिय सियासत में आए। पूर्व मंत्री सुखबीर सिंह कटारिया भी पहले गांव के सरपंच बने और फिर विधायक बने।Bhajanlal became the Sarpanch and then the CM
Aluminium recycling raw material sourcing Aluminium scrap handling safety Metal scraps reclamation