सत्य खबर, गुरुग्राम सतीश भारद्वाज :
On Police Martyrdom Day in Gurugram, CP Vikas Arora paid tribute to the martyrs by offering flowers at the martyr memorial.
पुलिस शहीदी दिवस पर गुरूग्राम की पुलिस लाईन में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन शहीदों की याद में किया गया। इस कार्यक्रम में गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा IPS ने देशभर में पिछले एक वर्ष में अपनी ड्यूटी का निर्वहन करते हुए प्राणों का बलिदान देने वाले भारतीय पुलिस सेवा के सभी 189 बलिदानियों को याद करते हुए पुलिस लाईन में बने ‘पुलिस शहीद स्मारक‘ पर पुष्प चक्र अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने पिछले एक वर्ष में अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करते हुए जान गंवाने वाले हरियाणा पुलिस में कार्यरत दो होमगार्ड शहीद नीरज और शहीद गुरसेवक को याद करते हुए श्रद्धाजली दी गई। दोनों होमगार्ड इसी वर्ष मेवात में ब्रज मंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा में वीरवती को प्राप्त हुए थे।
कार्यक्रम में गुरूग्राम पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा IPS, पुलिस उपायुक्त मुख्यालय दीपक गहलावत IPS, पुलिस उपायुक्त पूर्व मयंक गुप्ता IPS, पुलिस उपायुक्त पश्चिम भूपेंद्र सिंह IPS, पुलिस उपायुक्त ट्रैफिक विरेंद्र विज IPS, पुलिस उपायुक्त दक्षिण सिद्धांत जैन IPS, पुलिस उपायुक्त मानेसर मनवीर सिंह IPS सहित गुरुग्राम जिले में तैनात सभी सहायक पुलिस आयुक्त व अन्य पुलिस अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर हरियाणा पुलिस के दो रिटायर्ड अधिकारी शील मधुर और सुधीर चौधरी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम में देश की पुलिस सेवा के सभी बलिदानियों को याद करते हुए पुलिस आयुक्त ने कहा कि आज हम भारतीय पुलिस सेवा के वीर बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए हैं । उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य के गठन से अब तक 83 पुलिसकर्मियों ने अपनी ड्यूटी के दौरान अपने प्राण न्योछावर करने वालों में पांच जवान गुरुग्राम पुलिस के है।
क्यों मनाया जाता है पुलिस शहीदी दिवस
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गौरतबल है कि 21 अक्तूबर 1959 को भारत-तिब्बत सीमा पर लद्दाख के क्षेत्र में केन्द्रीय रिर्जव पुलिस बल के दस जवान सीमा पर गश्त करते समय चीनी सैनिकों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले का शिकार हुए थे। तभी से 21 अक्तूबर को पुलिस शहीदी दिवस के रूप में मनाने की परम्परा आरम्भ हुई थी। तब से आज तक देश में लगभग 33656 पुलिसकर्मियों ने कर्त्तव्य की वेदी पर सर्वोच्च बलिदान दिया था।