सत्य खबर। चंडीगढ़
विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को वर्ष 2020-21 के लिए अस्थाई मान्यता/शिक्षा बोर्ड से सम्बद्धता प्रदान कर इनमें पढ़ रहे विद्यार्थियों को बड़ी राहत प्रदान की है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि यह मान्यता इस आधार पर एक वर्ष के लिए बढ़ाई गई है ताकि उक्त स्कूलों के संचालक सरकार की निर्धारित मानकों को पूरा कर सकें। इस संबंध में गत दिनों निजी स्कूलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपना पक्ष रखते हुए शिक्षा मंत्री के माध्यम से स्कूलों की अस्थाई मान्यता/शिक्षा बोर्ड से सम्बद्धता को एक और वर्ष अर्थात 2020-21 के लिए बढ़ाने का निवेदन किया था।
स्कूलों की तरफ से स्कूल शिक्षा बोर्ड भिवानी की ली जाने वाली परीक्षाओं का हवाला दिया था। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक और वर्ष के लिए उक्त राहत देने का निर्णय लिया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 639 ऐसे स्कूल हैं जिनकी स्थाई मान्यता मिलना अभी लम्बित है और 699 ऐसे स्कूल हैं जो मान्यता रद्द होने के बावजूद अभी चल रहे हैं। इन स्कूलों को गत वर्ष 2019-20 के लिए यह उल्लेख करते हुए एक वर्ष के लिए अस्थाई मान्यता दी गई थी कि अगले वर्ष से अस्थाई मान्यता नहीं मिलेगी।
हर वर्ष अस्थाई मान्यता दिए जाने को कुछ लोगों ने उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए कहा गया है कि इस प्रकार मान्यता दिए जाने से हरियाणा स्कूल शिक्षा अधिनियम 2003 का उल्लंघन किया जा रहा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री के आदेश के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक के नेतृत्व में इस विषय के समाधान के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था जिसने अपनी रिपोर्ट दे दी है और सरकार इस पर जल्द निर्णय लेगी।
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