सत्य खबर, चंडीगढ़ ।
Rohingya connection surfaced in Nuh violence
हरियाणा में नूंह हिसा को लेकर की जा रही जांच में धीरे-धीरे परतें खुल रही हैं। हाल ही में हिंसा के दौरान गिरफ्तार किए गए 2 रोहिंग्या ने खुलासा किया है कि हिंसक झड़पों में कथित तौर पर म्यांमार से आए अवैध रूप से देश में रहने वाले अप्रवासी भी शामिल थे।
इन अप्रवासियों ने असम और पश्चिम बंगाल से गलत तरीके से ID हासिल कर नूंह में अपनी बस्तियां बसा ली थीं। खुलासे में यह भी बात सामने आई है कि यह समूह कथित तौर पर किराए पर दंगे में शामिल कराए गए गए थे। इनका दिल्ली दंगों से भी संबंध उजागर हुआ है।
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रहने के लिए किया जाता है शोषण
अभी तक की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इन लोगों को अरावली की पहाड़ियों में रहने की अनुमति देने के लिए कुछ लोग शोषण करते हैं। यह भी बात सामने आई है कि उन्हें जबरन गुंडों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है। सबसे चिंताजनक यह है कि स्थानीय लोगों के द्वारा उनकी महिलाओं के शोषण की खबरें भी मिली हैं। इन खुलासों के बाद नूंह पुलिस की ओर से भी ID वेरिफिकेशन करने और कार्रवाई करने की आवश्यकता जताई गई है।
फतेहाबाद में बसाने की सिफारिश
खुफिया एजेंसियों के कुछ अधिकारियों ने कहा कि इन अप्रवासियों को नूंह से हटाने और जरूरत पड़ने पर फतेहाबाद जैसे इलाकों में बसाने की सिफारिश की गई है। इस बीच नूंह पुलिस ने बड़े पैमाने पर आरोपियों का पता लगाने और पुख्ता सबूत हासिल करने के लिए अरावली की पहाड़ियों की 24 घंटे ड्रोन निगरानी भी शुरू कर दी है।
Rohingya connection surfaced in Nuh violence