सत्य खबर चंडीगढ़, 4 अक्टूबर
Supreme Court’s comment, Chief Minister’s efforts a victory – Praveen Atreya
मीडिया सचिव प्रवीण आत्रेय ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी से मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के एसवाईएल को लेकर किए जा रहे प्रयासों को ओर ज्यादा ताकत मिली है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल लगातार 2014 से हरियाणा को उसके हक का पानी दिलाने के लिए निरन्तर प्रयासरत हैं।
मीडिया सचिव ने कहा कि वर्ष 2004 में तत्कालीन पंजाब सरकार ने एक तरफा जल समझौते रद करने का असंवैधानिक कार्य किया और जब यह विषय भारत के राष्ट्रपति के पास पंहुचा, तो उन्होंने इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ के पास भेज दिया। उसके बाद हरियाणा में लगातार 10 साल तक चौ. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार रही। लेकिन तत्कालीन सरकार के उदासीन रवैये के कारण इस विषय में कोई प्रगति नहीं हुई।
श्री आत्रेय ने कहा कि श्री मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री बनते ही वर्ष 2015 में केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए आग्रह किया। इसका परिणाम यह रहा की सर्वोच्च न्यायालय ने 10 नवम्बर 2016 में हरियाणा के हक में तीसरी बार मुहर लगाई।
मुख्यमंत्री द्वारा किए जा रहे प्रयासों का ही परिणाम है कि आज सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि हमें सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर न करे। क्योंकि 2020 में सर्वोच्च न्यायाल ने हरियाणा सरकार के अनुरोध पर स्पष्ट तौर पर कहा था कि पहले एसवाईएल नहर का निर्माण किया जाए। पानी के विषय में बाद में बातचीत की जाएगी।
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सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशानुसार केन्द्र सरकार तथा हरियाणा सरकार लगातार बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने का प्रयास करती रही। लेकिन पंजाब की श्री भगवंत मान सरकार के नकारात्मक रवैये के कारण हरियाणा सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में समाधान करने के लिए दरखास्त लगाई।
श्री आत्रेय ने कहा कि पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार और आप पार्टी के सुप्रीमों अरविन्द केजरीवाल का एसवाईएल को लेकर हरियाणा के किसानों के प्रति नकारात्मक रूख बार-बार नज़र आता रहा। सर्वोच्च न्यायाल की आज की टिप्पणी के बाद हरियाणा के आम आदमी पार्टी नेताओं और आप पार्टी के सुप्रीमों श्री अरविन्द केजरीवाल को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे हरियाणा के किसानों के पक्षधर हैं और आप पार्टी सुप्रीमो को सार्वजनिक रूप से यह भी बताना चाहिए कि पंजाब सरकार कब एसवाईएल नहर का निर्माण करेगी और कब हरियाणा को उसके हक का पानी देगी।