सत्य खबर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :They are trying to get a murder case registered. The claims of the family members of the deceased, the Police Commissioner are proving to be hollow.
गुरुग्राम के पटौदी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला थाना फर्रूखनगर के गाव फाजिलपुर बादली में गत दिनों हुए एक नौजवान युवक की हत्या के मामले को लेकर परिजनों ने पुलिस आयुक्त कला रामचंद्रन से गुहार लगा चुके हैं। जिससे पीड़ित परिजनों को कुछ न्याय की उम्मीद जगी थी। बताया गया है कि कुछ दोस्तों ने मिलकर एक दोस्त की अंदरूनी चोटों मार कर हत्या कर दी। पीड़ित द्वारा दी गई शिकायत पर भी मामला दर्ज नहीं हुआ था। जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मृतक के शरीर पर 10 इंजरी की पुष्टि हो चुकी है।
मिली जानकारी के अनुसार थाना फरुखनगर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव फाजिलपुर बादली के प्रताप ने थाना फरुखनगर के एसएचओ पर हतया का मुकदमे दर्ज नहीं करने पर पुलिस आयुक्त से मिलकर उनके पुत्र की गई हत्या पर दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई थी। जिस पर आयुक्त महोदया ने डीसीपी मानेसर को जांच का जिम्मा सौंपा था। मगर आज तक भी थाना फरुखनगर ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
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बता दें कि शिकायत के अनुसार मृतक के परिजन प्रताप ने बताया कि दीपक पुत्र अजीत का दिनांक 11 जून को शाम को फोन आया कि अमित की तबीयत खराब हो गई है, उसको फरुखनगर अस्पताल लेकर जा रहे हैं, तब वह भी किसी तरह अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने देखा कि कैलाश अस्पताल के सामने एंबुलेंस में मृतक लेटा हुआ है हम उसको लेकर आरवी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे तो वहां डाक्टरों ने अमित को मृतक घोषित कर दिया जिस पर पुलिस ने 12 जून को मेरे पुत्र का पोस्टमार्टम करा शव हमें सौंप दिया था। मृतक के शरीर पर लगी चोटों से एक साजिश के तहत की गई हत्या ला रही है। डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़ने से हमें पता लगा कि उनके मृतक बेटे को करीब 10 अंदरूनी चोटें लगी हुई थी, जो कि उसकी मौत का कारण बनी है। जब इस बारे में डीसीपी मानेसर से बात की गई तो उनका कहना था कि एसीपी पटौदी को दरखासत भेज दी गई है। जब एसीपी पटौदी हरिंद
से बात की गई तो उनका कहना था कि थाना प्रभारी से मामले की जानकारी मिलेगी वे अभी बाहर है। जब थाना प्रभारी जितेंद्र से बात गई गई तो उनका कहना था कि मृतक के बारे में डॉक्टर ने 6 इंजरी बताई है बिसरा रिपोर्ट अभी आई नहीं है। जैसे ही रिपोर्ट आएगी कार्रवाई की जाएगी।
इससे यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि हत्या के मामले में भी एक एक महीने तक गुरुग्राम पुलिस परिजनों को दर-दर चक्कर कटवा ती रहती है। जबकि पुलिस आयुक्त महोदय आए दिन मीडिया में ध्यान देती रहती है कि गुरुग्राम पुलिस हर पीड़ितों के साथ है। उनके यह दावे केवल मीडिया में दिखते हैं धरातल पर खोखले साबित हो रहे हैं।They are trying to get a murder case registered.
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