सत्य खबर, बेंगलुरु ।Two youths became owners of Rs 854 crore by taking a room on rent
एक कमरे का मकान, 84 बैंक अकाउंट और 854 करोड़ की ठगी. बेंगलुरु पुलिस ने जब 35 साल के एक एमबीए ग्रेजुएट और 36 साल के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को पकड़ा तो उसके होश उड़ गए. दोनों आरोपियों ने ठगी का ऐसा जाल रचा था, जिसे देख पुलिस का माथा चकरा गया. पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही गैंग के 4 और लोगों को पकड़ा है.
कैसे खुली पोल?
बेंगलुरु पुलिस को 26 साल की एक महिला ने शिकायत की उसे एक ऐप और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए कम निवेश पर ज्यादा कमाई का लालच दिया गया. शुरू में तो थोड़ी कमाई हुई, लेकिन उसके साथ 8.50 लाख रुपए की ठगी हो गई. बेंगलुरु पुलिस के साइबर क्राइम डिपार्टमेंट ने मामले की जांच शुरू की और एक ऐसे गैंग तक पहुंची जो पिछले 2 साल में महज एक कमरे के बेडरूम से 854 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी कर चुका है.
कैसे देते थे ठगी को अंजाम?
पुलिस के मुताबिक 33 साल के एमबीए ग्रैजुएट मनोज श्रीनिवास और 36 साल का सॉफ्टवेयर इंजीनियर फणींद्र के. ने करीबन 2 साल पहले उत्तरी बेंगलुरु में एक सिंगल बेडरूम किराए पर लिया और एक अनाम प्राइवेट कंपनी खोली. दोनों ने दो और युवकों को नौकरी पर रखा. इन्हें सिर्फ एक काम दिया गया था- 8 मोबाइल फोन को दिन-रात एक्टिव रखना.
क्यों 24 घंटे एक्टिव रखते थे 8 मोबाइल?
पुलिस के मुताबिक आरोपी 8 मोबाइल फोन को 24 घंटे इसलिये एक्टिव रखते थे, ताकि ठगी के पैसे फेक अकाउंट के जरिए एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर हो जाए. साथ ही क्रिप्टोकरेंसी, गेमिंग ऐप और ऑनलाइन कैसीनो में लग जाए. बेंगलुरु पुलिस के मुताबिक ठगी का ज्यादा पैसा ऑनलाइन कैसिनो और गेमिंग ऐप के जरिये इधर से उधर किया गया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों में से एक अपना खुद का गेमिंग ऐप भी शुरू करना चाहता था. पुलिस के मुताबिक कुछ पैसे अंतरराष्ट्रीय बैंक अकाउंट में भी ट्रांसफर हुए और तमाम विदेशी कंपनियों में निवेश भी किए गए.
दुबई का कनेक्शन
पुलिस की पड़ताल में दोनों आरोपियों के 84 बैंक अकाउंट का पता चला. ठगी पैसे इन्हीं बैंक अकाउंट के जरिए गेमिंग ऐप, क्रिप्टोकरंसी, ऑनलाइन कैसिनो में ट्रांसफर हुए. आशंका है कि ज्यादातर दुबई बेस्ड हैं और इन दोनों की इन ऐप्स के ऑपरेटर्स से कभी मुलाकात नहीं हुई. पुलिस इस बात का पता भी लगा रही कि कहीं दुबई बेस्ड ऑपरेटर्स का नेटवर्क चाइनीज ऑपरेटर के संपर्क में तो नहीं था या दोनों का किसी तरह का कनेक्शन तो नहीं. पुलिस सारे बैंक अकाउंट्स फ्रिज करवा चुकी है.
Whatsapp-टेलीग्राम से ठगी
बेंगलुरु पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपी पहले व्हाट्सएप और टेलीग्राम के जरिए लोगों को जोड़ते थे. फिर उन्हें छोटी रकम निवेश करने को कहते थे. जैसे 1000 से 10000 तक और कहते थे कि उन्हें हर दिन एक हजार रुपए से 5000 तक कमाई होगी. दोनों आरोपियों ने The Winegroup नाम का एक ऐप भी बना रखा था.
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5000 से ज्यादा लोगों को लगाया चूना?
बेंगलुरु पुलिस के मुताबिक जब उन्होंने नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर इन दोनों आरोपियों से जुड़े केसेज की छानबीन शुरू की तो देशभर में कुल 5013 मुकदमे दर्ज मिले. ज्यादातर इसी पैटर्न पर थे. सबसे ज्यादा 719 मुकदमे तेलंगाना, 642 गुजरात, 505 उत्तर प्रदेश में दर्ज मिले. इसी तरह कर्नाटक में जो 487 मुकदमे दर्ज हैं, उसमें से 17 बेंगलुरु के भी हैं.