सत्य खबर, चण्डीगढ़
आपने उदयपुर की घटना के बारे में जरूर सुना या वायरल वीडियो जरूर देखा होगा। कि कैसे एक दर्जी कन्हया लाल के सिर को तन से जुदा सिर्फ इसलिए कर दिया जाता है कि उसने नूपुर शर्मा के बयान का सोशल मीडिया पर समर्थन किया था।और इनकी नाफरमानी यही नही रुकी इन्होंने सोशल मीडिया पर वारदात की वीडियो भी डाल दी जिसमे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ये धमकी देते नजर आ रहे है। अगर आपको घटना की जानकारी न हो तो एक बार हम आपको फिर से बता देते है।
हरियाणा : जानिए 29 जून को अपने शहर के पेट्रोल-डीजल के दाम
मंगलवार को दो मुस्लिम युवक मोहम्मद रियाज और गोस मोहम्मद कपड़े का नाप देने के बहाने टेलर की दुकान पर पहुंचे और उस पर धारदार हथियार से वार कर दिए। ताबड़तोड़ हमलों ने उसे संभलने का मौका तक नहीं दिया। उसकी गर्दन कट गई और मौके पर ही मौत हो गई। हमले में दुकान पर काम करने वाला उसका साथी ईश्वर सिंह गंभीर घायल हो गया। उसे इलाज के लिए एमबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि पुलिस ने राजसंमद जिले के भीम से दोनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया है।
लेकिन इस बर्बर कृत्य को करने के बाद इन जानवरों ने जिस तरह अपने घिनौने काम का प्रदर्शन किया है वे और भी भयावह है। और इसके लिए जो तीन सबसे बड़े गुनहगार है वो कोई और नही बल्कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , राजस्थान पुलिस और तथाकथित मुस्लिम बुद्विजीवी व कलाकार है।
सबसे बड़ी गुनहगार राजस्थान की पुलिस है। राजस्थान की पुलिस का सबसे बड़ा दोष हम आपको बताते है।
कन्हैयालाल की पोस्ट के बाद उदयपुर इलाके में तनाव था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 10 जून को राजस्थान पुलिस ने धर्म विशेष के लोगों यानी मुस्लिम समुदाय की शिकायत पर कन्हैयालाल को गिरफ़्तार किया था।
फिर जब वो ज़मानत पर बाहर निकले और उन्हें उसी धर्म विशेष से धमकियां मिलने लगी। तो इसी पुलिस ने लिखित शिकायत मिलने के बावजूद सिर्फ़ समझा बुझा कर इस मामले को टाल दिया।
राजस्थान पुलिस को 10 दिन से इस मामले की ख़बर थी। कन्हैया लाल की 6 दिन से दुकान बंद थी। परिवार डरा था, उसने पुलिस को ‘नामज़द शिकायत’ की थी। पर राजस्थान पुलिस ने मामले को जरा भी गंभीरता से नही लिया ।पुलिस की नक्कारी का अंजाम क्या हुआ। आप जानते ही हैं इस घटना का दूसरा कोई सबसे बड़ा गुनहगार है तो वो है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत। अशोक गहलोत राजस्थान की चरमरा गई कानून व्यवस्था को ठीक करने के बजाए। प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमितशाह को ज्ञान दे रहे है।
करौली में दंगे हुए तो पीएम संबोधित करें,
उदयपुर में घटना हो गई तो पीएम संबोधित करें.. राजस्थान की क़ानून व्यवस्था अगर पीएम मोदी को ही संभालनी है तो अशोक गहलोत मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफ़ा क्यों नहीं दे देते?
इतनी बड़ी घटना के बाद कोई CM इससे हल्का बयान नहीं दे सकता था।
जिस तरह इन आरोपी मोहम्मद रियाज और गोस मोहम्मद वारदात को अंजाम दिया इसका अंदेशा राजस्थान पुलिस को पहले सूचना थी और अशोक गहलोत CM होके कह रहे हैं की नरेंद्र मोदी जी TV पे आके शांति की अपील करे !!! अशोक गहलोत को कौन समझाए की राजस्थान के बिगड़े हालात को सुधारने के लिए कही मोदी जी अगर राष्ट्रपति शासन लगा दे तो 1 दिन में शांति आ जाएगी और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री की कुर्सी से हाथ धो बैठेंगे।अच्छा होगा कि अशोक गहलोत जरा कड़ाई से राजधर्म का पालन करे। इस दर्दनाक घटना के तीसरे सबसे बड़े कारक वो मुस्लिम लेखक , तथाकथित बुद्धिजीवी और फ़िल्म स्टार है जो मुस्लिम समुदाय की धर्मान्धता पर कुछ नही कहते है। बल्कि जब भी इस तरह की घटना होती है तो ये लोग पतली गली से रफू चक्कर हो जाते है। समाज मे फैले विष को कभी दूर नही करते है। आज समय है जब आमिर खान, शाहरुख़ खान और नसीरुद्दीन शाह जैसे अभिनेताओं को सामने आकर उदयपुर की नृशंस आतंकी घटना की निंदा करनी चाहिए। इन तीनों को हिन्दुस्तान में डर लगा करता है। जावेद अख्तर को बोलना चाहिए। सलमान खान को बोलना चाहिए। महमूद मदनी को बोलना चाहिए अगर ये न बोले तो भारतीय समाज को समझना चाहिए कि ये इस देश को अपना न समझकर किराये का मकान समझते है । ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा है कि जब भी मुस्लिम समुदाय की कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाने की बात आती है तो ये फ़िल्म स्टार कंही नही दिखाई पड़ते है। ऐसा ही एक मामला 19 साल का मुस्लिम लड़का साद अली जिसे लोगों की भीड़ घर पर जाकर ज़बरदस्ती कलमा पढ़वाती है, थप्पड़ मारती है। आज 16+ दिन से वो जेल में इसलिए बंद है क्योंकि पुलिस को लगा कि अगर वो बाहर रहा तो इलाक़े का माहौल बिगड़ेगा| साद अली का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने मुस्लिम कुरीतियों के खिलाफ बोला था।तो ये दो जानवर मोहम्मद रियाज और गोस मोहम्मद कन्हैया लाल की जान नही लेते।
Aluminum recycling technology advancements Aluminium scrap sorting technology Metal recycling depot