सत्य खबर, चण्डीगढ़। शनिवार को किसान नेता गुरनाम चढूनी ने चंडीगढ़ में अपनी नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान किया. गुरनाम चढूनी ने अपनी राजनीतिक पार्टी का नाम संयुक्त संघर्ष पार्टी रखा है. इसके साथ ही गुरनाम चढूनी ने दावा किया कि वो पंजाब विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने ये भी साफ किया कि हमारा किसी पार्टी से कोई गठबंधन नहीं है. हम सभी 117 सीटों पर विधानसभा चुनाव लडे़ंगे.
चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसान नेता गुरनाम चढूनी ने ये जानकारी दी. चढूनी ने कहा कि पार्टी के रजिस्ट्रेशन की औपचारिकता जल्द पूरी हो जाएगी. जिसके बाद हम सिंबल के लिए आवेदन करेंगे. गुरनाम चढूनी ने कहा कि देश में बहुत राजनीतिक पार्टियां हैं, लेकिन उन्होंने राजनीति को व्यापार बना लिया है. गरीब और गरीब होते जा रहे हैं. देश में भुखमरी बढ़ रही है. देश की हर समस्या की जड़ गलत राजनीति है. हमारा मकसद राजनीति को शुद्ध करना है. इसलिए हम नई पार्टी की घोषणा कर रहे हैं.
अफीम की खेती से उन्नत हो सकता है पंजाब- गुरनाम सिंह
गुरनाम चढूनी ने कहा कि अब किसान, मजूदर और व्यापारी को एकजुट होना पड़ेगा. पंजाब में आज नौजवान परेशान है. हमने जिन अंग्रेजों को निकाला था, आज हमारा युवा उन्हीं के पास जा रहा है. चढूनी ने कहा कि पंजाब के अंदर ना कारोबार है और रोजगार. हम हर संभंव कोशिश करेंगे कि पंजाब में हर व्यक्ति को रोजगार मिल सके. उन्होंने कहा कि आज कृषि में बड़े बदलाव की जरूरत है. जिससे खेती की विदेशों में डिमांड हो सकती है. ऐसी खेती की जाएगी जिसकी विदेशों में डिमांड हो. गुरनाम चढूनी ने कहा कि अफीम की खेती से पंजाब उन्नति कर सकता है. उन्होंने कहा कि अफीम नशा नहीं है, कमाई भी है. इसे हंसी में ना लें.
बता दें कि गुरनाम चढ़ूनी एक साल तक चले किसान आंदोलन का अहम हिस्सा रहे हैं. इस आंदोलन के जरिए हरियाणा से निकलकर राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान बनी. किसान आंदोलन के बीच राजनीतिक रास्तों के जरिए समाधान की बात करने वाले वो पहले नेता थे. इस दौरान चढूनी ने पंजाब चुनाव में उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया. जिसके बाद किसान नेता गुरनाम चढूनी की जमकर आलोचना हुई. इसी के चलते संयुक्त किसान मोर्चा ने गुरनाम चढूनी को सात दिन के लिए सस्पेंड कर दिया था.
किसान आंदोलन में रखी जा चुकी थी राजनीतिक पार्टी की नींव?
संयुक्त किसान मोर्चा से सस्पेंड किए जाने बाद भी गुरनाम चढूनी अपने बयान पर कायम रहे. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने मुझे सस्पेंड करके सही फैसला किया है. अगर आगे भी वो मुझे सस्पेंड करना चाहे तो कर सकते हैं, लेकिन मैं अपना फैसला बदलने वाला नहीं हूं. चढूनी ने ये भी कहा था कि वो चुनाव लड़ेंगे नहीं, बल्कि चुनाव लड़वाएंगे. मैंने ये फैसला इसलिए किया है, क्योंकि मैं इस देश से गंदी राजनीति को खत्म करना चाहता हूं. देश से गंदी राजनीति को खत्म करने के लिए किसानों को आगे आना होगा. अगर अन्नदाता के हाथ में देश का राजपाट होगा तो देश बच जाएगा नहीं तो बीजेपी वाले देश को बेच खाएंगे. आज तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने किसानों का भला नहीं किया है. गुरनाम चढूनी, किसान नेता.
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने 16 नवंबर को पंजाब चुनाव में पूरे प्रदेश में प्रत्याशी उतारने का ऐलान किया था. दरअसल हरियाणा के करनाल जिले के डेरा कार सेवा गुरुद्वारा में बैठक के बाद उन्होंने ये ऐलान किया था. गुरनाम चढूनी ने कहा था कि हमने वहां पर मिशन पंजाब शुरू किया है. गुरनाम चढूनी ने इस दौरान साफ किया कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे. जो लोग पंजाब को लूट रहे हैं उन्हें किनारे करने के लिए ऐसा करना होगा. पंजाब में यदि कोई भी किसान किसी सीट से चुनाव लड़ेगा तो उसकी मदद करेंगे. उन्होंने कहा कि 70 साल से पंजाब में राजनीतिक दलों ने किसानों का भला नहीं किया.
कौन हैं गुरनाम चढूनी?
गुरनाम सिंह चढूनी भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) गुट के अध्यक्ष हैं. हरियाणा में किसान आंदोलन को धार देने में किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने अहम भूमिका निभाई है. गुरनाम चढूनी हरियाणा के पहले ऐसे किसान नेता हैं जिन्होंने बीते साल नवंबर में किसानों को दिल्ली कूच के लिए कहा था. हरियाणा में राजनीतिक कार्यक्रमों का विरोध भी गुरनाम चढूनी के आह्वान के बाद शुरू हुआ था. जिसके बाद किसानों ने हरियाणा में हर नेता, मंत्री और राजनीतिक कार्यक्रम का विरोध किया. गुरनाम सिंह चढूनी किसान आंदोलन का महत्वपूर्ण स्तंभ रहे. वो इस आंदोलन को चलाने वाले संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य भी हैं. सरकार से बातचीत के लिए हाल में बनाई गई 5 सदस्यीय कमेटी में भी गुरनाम चढूनी सदस्य थे.
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