सत्यख़बर, जींद
कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही जंग में जिस वक्त जींद के उपायुक्त और डीआईजी तथा सिविल सर्जन सत्र के अधिकारी 24 घंटे काम कर रहे हैं ।उसी दौर में स्वास्थ्य विभाग के कुछ कर्मचारी बहुत बड़े कामचोर बने हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के बावजूद यह कर्मचारी अपनी ड्यूटी से नदारद मिलते हैं। जिसकी वजह से आम जनता को बड़ी परेशानी होती है। कुछ दिन पहले विभाग द्वारा जहां 15 कर्मचारियों को गैरहाजिर पकड़ा था तो वहीं अब फिर विभाग ने एक कर्मचारी को बिना किसी जानकारी के अपनी ड्यूटी से गैरहाजिर पकड़ा है। विभाग ने ड्यूटी से लापरवाह इस कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी है। विभाग ने जहां इस कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है तो वहीं 1 दिन का वेतन भी रोक दिया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा आज गठित एक टीम द्वारा अस्पताल के मेंटल हेल्थ विभाग में जब छापेमारी की गई तो वहां मेंटल हेल्थ विभाग के मॉनिटरिंग इव्यूलुवेशन अधिकारी रवि मलिक को गैरहाजिर पाया। वही विभाग की फोर्थ क्लास एक कर्मचारी बिना वर्दी मिली। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इतनी बड़ी लापरवाही करने वाले दोनों कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। विभाग ने रवि मलिक को कारण बताओ नोटिस जारी कर 1 दिन का वेतन भी रोकने के आदेश दे दिए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार लापरवाह कर्मचारी जींद के एक बड़े पत्रकार का बेटा है। बताया जा रहा है कि पत्रकार पिता की शह पर लापरवाह कर्मचारी पहले भी इसी प्रकार अपने पद पर मनमर्जी कर रहा था। जानकारी यह भी है कि पत्रकार पिता द्वारा अपनी पुत्रवधू को भी अस्पताल में नौकरी लगवाने के लिए विभाग पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था। जिसके लिए पत्रकार द्वारा विभाग के खिलाफ लगातार खबरें भी चलाई जा रही थी।
आपको बता दें कि जींद के सिविल अस्पताल के सीएमओ जय भगवान को एक निर्भीक अधिकारी के तौर पर माना जाता है जो किसी की सिफारिश मानने की बजाय अपने काम पर ध्यान देते हैं। अब देखना यह होगा जिस प्रकार से जींद के सिविल अस्पताल में सिफारिश के दम पर लगे इन कर्मचारियों पर स्वास्थ्य विभाग कितनी नकेल कस पाता है।
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