सत्यखबर चंडीगढ़
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा के उत्तरी व दक्षिणी भागों को राष्ट्रीय राजमार्गों व आरओबी या आरयूबी से जोड़ने पर केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का धन्यवाद किया और साथ ही उनसे राज्य के पूर्वी व पश्चिमी हिस्सों में भी इसी प्रकार कार्य किये जाने का आग्रह किया है।
लोक निर्माण विभाग का जिम्मा संभाल रहे उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने आज केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा हरियाणा में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की 669 किलोमीटर लम्बाई की 11 सड़क परियोजनाओं का विडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से किए गए उद्घाटन एवं शिलान्यास अवसर पर स्वागत करते हुए केन्द्रीय मंत्री से हिसार, भिवानी, करनाल, कुरुक्षेत्र शहरों में रिंग-रोड बनाने की मांग भी की।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिन परियोजनाओं का शुभारम्भ एवं शिलान्यास किया गया है उनसे प्रदेश के दस शहरों में बाईपास बनेंगे और यह न केवल प्रदेश बल्कि देश के आर्थिक एवं औद्योगिक विकास को नई ऊचांइयों पर ले जाएगा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रव्यापी अनलॉक-2 के दौरान औद्योगिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियां सामान्य स्थिति की ओर अब चरणबद्ध तरीके से सड़कों के सुदृढ़ीकरण, मैट्रो के विस्तार तथा रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम कॉरिडोर प्रणाली विकसित करने की योजनाओं के कार्य तेजी से आगे बढ़ी हैं, इसलिए दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) परियोजना के तहत हरियाणा की जितनी लम्बित परियोजनाएं केन्द्र सरकार के पास विचाराधीन हैं, उन्हें तत्काल स्वीकृति प्रदान की जाए।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली और मुम्बई के बीच बनाए जा रहे 1483 किलोमीटर लंबे फ्रेट कोरिडोर का निर्माण रेलवे मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। फ्रेट कॉरिडोर के 150 किलोमीटर के दोनों तरफ दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) विकसित किया जा रहा है जिसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र राज्य कवर किए जा रहे हैं। इसके अलावा इस परियोजना के निवेश क्षेत्र में मानेसर-बावल और कुंडली-सोनीपत और औद्योगिक क्षेत्र में फरीदाबाद-पलवल और रेवाड़ी-हिसार भी शामिल हैं। हिसार में हवाई अड्डा विकसित किया जा रहा है तथा दिल्ली से एक्सप्रेस-वे जो हिसार- सिरसा होकर पंजाब की ओर जाने वाली इस सडक़ परियोजना पर भी कार्य तेजी से चल रहा है।
इसी प्रकार कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे तथा कुंडली-गाजियाबाद-पलवल इस्टर्न पेरीफेरी-वे के चालू होने से दिल्ली के बाहर गुरुग्राम व आगरा (उत्तरप्रदेश) की ओर जाने वाले लोगों को एक बड़ी राहत मिली है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से न केवल उत्तरी हरियाणा बल्कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी यातायात दबाव कम हुआ है और गाजियाबाद, नोएडा से जुडक़र पश्चिमी राज्यों के बंदरगाहों को दक्षिण हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद व पलवल जिलों से द्रुत गति लिंक उपलब्ध हुआ है। दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर पूरा होने से कश्मीर से कन्याकुमारी, तक सडक़ तंत्र को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले दो वर्षों में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई ) हरियाणा में लगभग 53 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं पूरी करेगा जिसमें 12 हजार करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण के लिए खर्च होंगे।
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