सत्यखबर, सतनाली मंडी , प्रीतम शेखावत
लॉक डाउन के दौरान सरकार द्वारा प्रतिबंध के बावजूद सतनाली सहित खंड के गांवों में शराब, तंम्बाकू उत्पादक गुटखा, तम्बाकु के दो से तीन गुना रेटो पर दुकानदार बिक्री कर रहे है। इसके अलावा खाद्धय पदार्थो भी आसमान छुने लगे है। महंगाई को रोकने के लिए न तो प्रशासन कोई कदम उठा रहा है और न ही खाद्धय आपूर्ति विभाग। ऐसे में महंगाई ने आमजन की कमर तोड़कर रख दी है।
खाद्धय पादार्थों के अलावा फल सब्जियों के दाम छूने लगे है आसमान
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉक डाउन की भले ही 21 दिनों के लिए बढ़ा दी गई ।लॉक डाउन की घोषणा के बाद सतनाली सहित आसपास गांवों के गरीब, मजदूर, किसान, मध्यवर्गीय परिवार अपने अपने घरों में केद हो गए है। लोग आवश्यक कार्यों के लिए ही घर से बहार निकल रहे है। लॉक डाउन के दौरान गरीब, मजदूर, किसान, मध्यवर्गीय परिवार के लोगों के काम धंधे पुरी तरह से ठप हो गए है जिसके चलते इन लोगों को गुजर बसर करना मुश्किल हो गया है। लॉक डाउन में प्रदेश सरकार ने प्रदेश में गुटखा, तंम्बाकु , शराब पर पुरी तरह से रोक लगा दी गई। सरकार के प्रतिबंधों के आदेशों के बाद प्रदेश में गुटखा, तंम्बाकु , शराब पर प्रतिबंध तो नही लगा बल्कि महंगे जरूर हो गए है। सतनाली सहित आसपास के गांवों में देसी शराब बोतल 100 सो 140 रूपये में आसानी से मिल जाती थी वहीं लॉक डाउन के बाद देसी शराब की बोतल के दाम ढ़ाई सौ से तीन सौ रूपयें हो गए है। यहीं हाल तंम्बाकु उत्पादकों का हो गया है। लॉक डाउन से पहले पांच रूपयें में मिलने वाले तंम्बाकु, गुटखा ,खैनी लॉक डाउन के बाद दुकानदार 15 से 20 रूपयें में बिक्री रहे है। लॉकडाउन का असर अब राशन के दाम पर पड़ने लगा है, महंगाई बढ़ने लगी है। सबसे ज्यादा असर ब्रांडेड आटा, दाल, खाद्य तेल और शक्कर में पड़ा है। किराना दुकानों में अब तक 130 रुपये (पांच किलो) में बिकने वाला आटा 190 रुपये में बिक रहा है। शक्कर का रेट 42 से 45 रुपये किलो तक पहुंच गया है,जबकि 36 रूपये में आसानी से मल जाती थी। खाद्य तेलों की कीमतों में लॉकडाउन अवधि में ही 100 रूपयें प्रति लीटर के हिसाब से मिलने वाला सरसों के तेल की किमत 130 रुपये हो गया है। खाद्य तेल 20 से 25 रुपये लीटर तक महंगे हो गए हैं। 100 रुपये पैकेट में मिलने वाला खाद्य तेल अभी 120 रुपये में मिल रहा है।
सौ रूपयें की शराब की बोतल भी मिल रही है ढाई सौ से जीन सौ में
किराने का सामान बेचने वाले दुकानदार अपनी मनमानी कर सामान को ऊंचे दामों में बेच रहे हैं। शासन के आदेश से दुकानदारों को अपनी-अपनी दुकानों पर रेट लिस्ट लगाने के आदेश हैं लेकिन देखा जा रहा है कि सतनाली कस्बे में किराना दुकानदार अपनी दुकान पर लिस्ट नहीं लगाए हैं दुकानों पर रेट लिस्ट ना होने के कारण दुकानदार किराने का सामान मनमानी रेट में बेच रहे हैं। यहीं हाल सब्जियों का भी है। सब्जियों के दामों में भी दस से पंद्रह रूपयें का उछाल है।मार्केट कमेटी के अधिकारी सतनाली में जांच करने आते है तो सब्जी व फल विक्रता मार्केट कमेटी द्वारा निर्धारित रेट पर ग्राहकों को इनकी बिक्री करते है।अधिकारियों के जाने के बाद ग्राहकों को महंगे दामों पर सब्जिया व फल बेचते है। अगर कोई ग्राहक सरकारी रेटो पर सामन लेने की बात कहता है तो दूकानदार ग्राहक को सामान देने से इन्कार कर देते है। ऐसे मे्ं लोगों को दो वक्त की रोजी रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल हो रहा है। महंगाई के कारण सतनाली कस्बे के लोगों में त्राही-त्राही मची हुई है,बावजूद प्रशासन के अधिकारी अपने स्तर पर जांच करने के वजाय लोगों की शिकायत मिलने का इंतजार कर हाथ पर हाथ धरे बैठे है।
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