कल एक्सईएन ने रजबाहे में छुडवाया था अधिक पानी
35 साल पुराने रजबाहे की पटरियां हो चुकी है कमजोर
नए रजबाहे निर्माण के लिए भेजा गया है एस्टीमेट – एसडीओ
सत्यखबर सफीदों
नगर के गैस एजेंसी गोदाम रोड़ के पास देर रात रजबाहा नंबर 3 टूट गया। रजबाहा टूटने से सैंकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई। वहीं कुछ खेतों में राजबाहे का काफी मात्रा में रेत जम गया। इस घटना में किसानों की काफी फसलें खराब हुई है। रजबाहे के टूटने की सूचना पाकर नहरी विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और अंटा हैड से पानी बंद करवाकर हाईड्रा मशीन से राजबाहे को पाटने का कार्य शुरू किया। बताया जाता है कि इस रजबाहे में कल क्षमता से अधिक पानी छोड़ा गया था, जिसके कारण यह किनारा टूटा। मिली जानकारी के अनुसार देररात नगर के गैस एजेंसी गोदाम रोड पर स्थित राजबाहा नंबर 3 टूट गया।
रजबाहे टूटने का किसानों को उस वक्त पता चला जब पानी उनके डेरों के मकानों में पहुंच गया। रात में किसान मौके पर पहुंचे और अधिकारियों को सूचित किया। किसान महल सिंह ने बताया कि राजबाहा टूटने के कारण उनके खेतों और डेरों में बनाए गए घरों पानी इकठ्ठा हो गया। उन्होंने सारी रात जागकर व पहरा देकर काटी है। उनकी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं इस रजबाहे के साथ लगते खेतों के किसान राकेश ने बताया कि उसके पास साथ लगते खेतों के किसानों का फोन आया था। सूख्चना पाकर वह रात को करीब एक बजे सफीदों से मौके पर पहुंचा और जाकर देखा कि रजबाहे का काफी किनारा टूट गया है और पानी खेतों में जा रहा है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वह अंटा हेड पर गया और अधिकारियों को सूचना देकर वहां से रजबाहे का पानी को बंद करवाया। उसने बताया कि सुबह करीब 4 बजे जाकर पानी कुछ कम हुआ। सुबह नहरी विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और राजबाहे के किनारे का पाटने का कार्य शुरू करवाया। उसने बताया कि उसने यहां पर ठेके पर जमीन ली हुई है और सबसे ज्यादा नुकसान उसका हुआ है। उसके खेत में रेत की मोटी परत जम गई है। किसानों ने सरकार व प्रशासन से मुआवजे की मांग की है। मौके पर आए नहरी विभाग के एसडीओ सोमनाथ ने बताया कि हांसी ब्रांच नहर से यह जीडी नंबर 3 रजबाहा निकलता है और इसका पानी पिल्लूखेड़ा होते हुए जींद पहुंचता है।
अभी कुछ दिन पूर्व किसानों ने खेतों में ना पहुंचने की शिकायत को लेकर जाम लगाया था और उपायुक्त से मिले थे। उपायुक्त के आदेशों पर कल वीरवार को एक्सईएन मंगतराम शर्मा गर्ग सफीदों पहुंचे थे और उन्होंने इस राजबाहे में अधिक पानी छोडऩे के लिए कहा था। उनके आदेशों पर इस रजवाड़े में पहले से अधिक पानी छोड़ा गया था। रात को राजबाहे के ओवरफ्लो होने के कारण इसके किनारे में कट लगाया। रजबाहा टूटने की सूचना पाकर उनके विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मशीन के माध्यम से राजबाहे के किनारे को मिट्टी से भरा जा रहा है और जल्द ही यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि यह राजबाहा बहुत पुराना हो चुका है और इसका निर्माण करीब 30 से 35 वर्ष पूर्व हुआ था। काफी पुराना होने के कारण इसकी दोनों पटरियां काफी कमजोर हो चुकी हैं। इस राजबाहे को नया बनवाने के लिए प्रस्ताव व एस्टीमेट उच्चाधिकारियों को भेज दिया गया है। जैसे ही एस्टीमेट पास होगा टैंडर लगाकर इसे नया बनवाया जाएगा ताकि भविष्य में यह समस्या उत्पन्न ना हो। उन्होंने बताया कि राजबाहे का पानी कुछ ही दूरी पर स्थित सिंख-बहादुरपुर ड्रेन के माध्यम से निकल गया है।
Aluminium waste stream optimization Scrap aluminium analysis Metal reclamation and recovery