सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
कोरोना संकट के समय लगे लॉकडाउन से जहां हर किसी को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं सबसे अधिक परेशानी प्रवासी मजदूरों को झेलनी पड़ रही है। इसका एक उदाहरण गांव दनौदा खुर्द में जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई जाने वाली डिग्गी का दिया जा सकता है। यहां ठेकेदार द्वारा मध्य प्रदेश से लाए मजदूरों को कई महीनों से काम पर लगाया गया था। लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद डिग्गी का काम रूक गया। ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार भी जो कहीं बाहर रहता है, इन प्रवासी मजदूरों को बीच मझदार छोड़कर चला गया। उन्होंने कहा कि जहां तक उन्हें सूचना है, सरकार के आदेशों के अनुसार लॉकडाउन में ठेकेदार द्वारा इन मजदूरों का खाने-पीने का प्रबंध किया जाना चाहिए था, लेकिन खाना-पीना तो दूर की बात इन प्रवासी मजदूरों की ठेकेदार की तरफ कुछ मजदूरी भी बकाया है। ये बेचारे मजदूर अब ना तो यहीं रह सकते हैं और मजदूरी के पैसे ना मिलने के कारण ना ही अपने गृह राज्य में जा सकते हैं
सरपंच पहुंचा रहे राशन
गांव के सरपंच मा. ठंडिया राम ने बताया कि जब से लॉकडाउन लगा है, वे ना केवल इन प्रवासी मजदूरों को अपने खर्चे पर राशन पहुंचा रहे हैं, बल्कि गड़रिया लोहार व बाहर से आए रेहड़ी वालों की भोजन की व्यवस्था भी कर रहे हैं। उन्होंने अपील की कि प्रशासन ठेकेदार से इन प्रवासी मजदूरों की बकाया दिहाड़ी दिलवाए, ताकि ये अपने पैतृक राज्य में जाकर राहत की सांस ले सकें।
बॉक्स
गांव दनौदा खुर्द में लॉक डाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों की बात उनके संज्ञान में नहीं है। फिर भी इसकी जांच करवाई जाएगी और अगर मजदूरों की दिहाड़ी बकाया है, तो ठेकेदार को भुगतान करने के लिए कहा जायेगा।
हरज्ञान सिंह, कार्यकारी अभियंता
जनस्वास्थ्य विभाग, नरवाना
Aluminium scrap energy efficiency Scrap aluminium cutting Scrap metal treatment technologies
Aluminum scrap recycling projects Aluminium recovery and reuse Metal waste compaction services