सत्य खबर सोनीपत
बरोदा पुलिस चौकी के दो पुलिसकर्मियों की हत्या करने के आरोपितों के इरादे बेहद खतरनाक थे। उनको पता होता कि सिपाही ने कार का नंबर हाथ पर लिख लिया है तो उसका हाथ काटकर ले जाते। हत्यारोपितों के दो साथियों ने रिमांड के दौरान सीआइए की पूछताछ में बताया कि वह ऐसा कोई साक्ष्य नहीं छोडऩा चाहते थे, जिससे पकड़े जाने का खतरा रहता। हत्या करने के बाद वह एकाएक नहीं भाग गए। वहीं पर खड़े होकर घटनास्थल को देखा कि कोई ऐसा सामान तो नहीं गिर गया है, जिससे पुलिस उन तक पहुंच सके। उसके बाद कार की नंबर प्लेट हटाकर ही वहां से रवाना हुए। विकास और नीरज के मोबाइल नंबर का सिम फर्जी आइडी पर चल रहा था।
सीआइए टीम ने पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल सभी छह आरोपितों को जेल भेज दिया है। बरोदा चौकी के दो पुलिसकर्मियों की हत्या 30 जून को चाकुओं से गोदकर कर दी गई थी। पुलिस ने मात्र 15 घंटे में हत्यारोपितों को तलाश लिया था। सीआइए-2 की टीम की उनसे जींद में मुठभेड़ हो गई थी। मुठभेड़ में मुख्य आरोपित अमित मारा गया था, जबकि पुलिस टीम को घायल कर विकास फरार हो गया था। पुलिस ने विकास को एक सप्ताह के बाद पकड़ा।
उससे घटना से लेकर फरार होने और पकड़े जाने तक की हर स्थिति पर पुलिस ने पूछताछ की।सीआइए-2 की टीम के अनुसार पुलिसकर्मियों की हत्या करने के बाद आरोपितों को जरा भी आशंका नहीं थी कि पुलिस उन तक पहुंच सकती है। घटनास्थल जंगल के सुनसान इलाके में था। आसपास न कोई बस्ती थी और न कोई सीसीटीवी। सिपाही रविंद्र ने जिस मोबाइल से आरोपितों के फोटो लिए थे, उसको आरोपितों ने उठाकर अपनी साथी युवती को स्विच ऑफ करके दे दिया था।
गाड़ी की नंबर प्लेट हटा दी गई थी। अपने मोबाइल मौके पर ही स्विच ऑफ कर लिए थे। बरोदा से जींद तक पहुंचने के लिए आरोपितों ने कई गुना लंबा रास्ता तय किया, जिससे पुलिस उन पर शक न कर सके। फिर भी सीआइए ने सभी आरोपितों की पहचान कर ली।
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जांच अधिकारी सीआइए-2 बिजेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले छह आरोपित शातिर बदमाश हैं। एक हत्यारोपित विकास ने पूछताछ के दौरान कूबल किया कि हमें अंदाजा नहीं था कि सिपाही ने अपने हाथ पर गाड़ी का नंबर लिख लिया है। इसकी आशंका होती तो सिपाही का हाथ काटकर ले जाते।
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