सत्य खबर चंडीगढ़
हरियाणा लोक सेवा आयोग की भर्तियों में वेटिंग लिस्ट (प्रतीक्षा सूची) में शामिल अभ्यर्थियाें को कोई चांस नहीं मिल रहा है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की भर्तियों में वेटिंग लिस्ट में शामिल उम्मीदवारों को चांस दिए जाने की व्यवस्था है, लेकिन हरियाणा लोक सेवा आयोग में बरसों से इस व्यवस्था के नहीं होने से वेटिंग लिस्ट में शामिल अभ्यॢथयों को निराशा हाथ लग रही है। हरियाणा लोक सेवा आयोग की सामान्य श्रेणी की भर्तियों में भी प्रदेश के युवाओं को सिर्फ तीस फीसदी हिस्सेदारी मिल रही है, जबकि बीस फीसदी युवक दूसरे राज्यों के लग रहे हैं। प्रदेश के युवाओं ने इस दोनों व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं।
किसी ने ज्वाइन नहीं किया तो दोबारा से होगी भर्ती
हरियाणा लोक सेवा आयोग प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों की भर्ती करता है,जबकि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की भॢतयां की जाती हैं। हरियाणा लोक सेवा आयोग में वेटिंग लिस्ट में आने वाले युवाओं को कोई लाभ नहीं दिया जाता। आयोग के कई सदस्य विभिन्न चेयरमैन और सरकारों के सामने इस विसंगति को उठाते रहे हैं, लेकिन अभी तक कानून में कोई बदलाव नहीं हो पाया है, जिस कारण युवाओं में आक्रोश है।
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प्रदेश के 30 व बाहरी राज्यों के 20% को महत्व
हरियाणा लोक सेवा आयोग में भर्ती सिस्टम कुछ इस तरह का है। उदाहरण के लिए जन स्वास्थ्य विभाग के सहायक कार्यकारी अभियंता के आठ पदों के लिए भर्ती हुई। इस भर्ती में चुने गए सभी युवाओं की लिस्ट आयोग द्वारा सरकार को भेज दी गई। इस दौरान एक अभ्यर्थी ने यह कहते हुए नौकरी ज्वाइन करने से मना कर दिया कि उसका चयन एचसीएस में हो गया है,इसलिए वह सहायक कार्यकारी अभियंता की नौकरी ज्वाइन नहीं कर सकेगा। इस स्थिति में नियम यह कहता है कि इस आठवें पद को भरने के लिए वेटिंग लिस्ट में शामिल नौवें युवा को मौका दिया जाना चाहिये, मगर हरियाणा लोक सेवा आयोग में ऐसी व्यवस्था नहीं है।
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खाली पदों पर भर्ती करने में आ रहा मोटा खर्च
हरियाणा लोक सेवा आयोग के सूत्रों का कहना है कि यदि कोई पद खाली रह गया अथवा भर्ती किए गए किसी भी पद पर किसी युवक ने ज्वाइन नहीं किया तो वेटिंग लिस्ट में शामिल युवाओं को मौका देने की बजाय इन पदों को भरने के लिए दोबारा नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। इससे न केवल सरकार व आयोग का लाखों रुपया खर्च होता है,बल्कि वेटिंग लिस्ट में शामिल युवाओं की आस भी टूटती है। सूत्रों के अनुसार आयोग की भर्तियों में अनुसूचित जाति, पिछड़े व अति पिछड़े वर्ग के सभी युवाओं को उनके प्रतिशत के हिसाब से पूरा आरक्षण मिल रहा है,लेकिन बाकी बची सामान्य श्रेणी की भर्तियों में 20 फीसदी युवा हरियाणा से बाहर के होते हैं,जबकि प्रदेश के मूल युवाओं को 30 फीसदी पदों पर ही लाभ मिल पाता है।
कैसे हरियाणा के युवाओं की 80 फीसदी भागीदारी
हरियाणा सरकार के सामने यह आंकड़े पेश होते हैं कि एससी श्रेणी के 50 और सामान्य श्रेणी के 30 फीसदी युवाओं की भर्ती के साथ हरियाणा मूल के लोगों की इन भॢतयों में भागीदारी अब 80 फीसदी बन गई है, जबकि बाहरी युवाओं की संख्या मात्र 20 फीसदी है। वास्तविकता में यह हरियाणा मूल के 20 फीसदी युवाओं के साथ अन्याय है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला हालांकि कह चुके कि 75 फीसदी आरक्षण का लाभ प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में है और यह व्यवस्था सरकारी नौकरियों में संभव नहीं है, लेकिन सरकार के सामने आयोग के जरिये होने वाली भॢतयों की विसंगतियां दूर करने की बड़ी चुनौती बन गई है।
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