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भैंस का दूध बढ़ाने के लिए अपनाएं ये तरीके, बाल्टी भर भर के देगी दूध

भारत में भैंसों का पशुपालन बड़े स्तर पर किया जाता है। यह आमदनी का एक अच्छा स्त्रोत है। हर पशुपालक भैंसों के दूध उत्पादन बढ़ाना चाहता है। इसके लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना होगा। इस पोस्ट के माध्यम से जानें दूध उत्पादन बढ़ाने का तरीके-

स्वच्छता बनाए रखें

नियमित रूप से भैंस के बाड़े की सफाई करें। गंदगी भैंसों में बीमारियों का मुख्य कारण बन सकती है। हर हफ्ते बाड़े में कीटाणुनाशक का छिड़काव करें ताकि संक्रमण का खतरा कम हो। गर्मियों में भैंस को रोजाना साफ पानी से नहलाएं और सर्दियों में गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।

पौष्टिक आहार का प्रबंधन

भैंस के लिए पौष्टिक आहार का प्रबंधन करें। हरा चारा में नेपियर घास, बरसीम, सूखा चारा में भूसा, पराली खिलाएं। भैंस को दिन में दो से तीन बार सही समय पर खिलाएं। हमेशा साफ और ताजा पानी उपलब्ध कराएं।

स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण

पशु चिकित्सक से भैंस की समय-समय पर जांच कराएं। भैंस को बीमारियों से बचाने के लिए समय पर टीके लगवाएं, जैसे खुरपका-मुंहपका (FMD) और गलघोंटू रोग के टीके। यदि भैंस सुस्त हो, दूध उत्पादन कम हो या कोई असामान्य लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

आरामदायक माहौल का प्रबंध

बाड़े में मुलायम और सूखा बिछौना लगाएं। गर्मियों में छांव और पंखों का इंतजाम करें। सर्दियों में भैंस को ठंड से बचाने के लिए बाड़े को गर्म रखें और गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें।

तनाव मुक्त माहौल

भैंस को तनाव से बचाने के लिए उन्हें अधिक समय तक आराम करने दें। तनाव मुक्त भैंस का दूध उत्पादन अधिक होता है।

सर्दी-गर्मी से बचाव

गर्मी में भैंस को छांव में रखें और ठंडे पानी से नहलाएं। सर्दी में गुनगुना पानी पिलाएं और बाड़े को हवा से बचाने के लिए उचित व्यवस्था करें।

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