सत्य खबर हिसार
केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआइआरबी) ने देश के बेहतरीन झोटों के आठ क्लोन तैयार किए हैं। इन क्लोन की रिसर्च को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री रिसर्च को जनता के सामने रखा। इस क्लोन में एम-29 नस्ल के सात क्लोन और हिसार गौरव नस्ल का एक री क्लोन तैयार किया गया है। झोटों का क्लोन तैयार करने के साथ अब सीआइआरबी की तरफ से भैंस का क्लोन तैयार करने पर काम शुरू कर दिया है। इसको लेकर किसानों से भी एमओयू साइन किया जाएगा ताकि बेहतर नस्ल की भैंस का क्लोन तैयार हो। क्लोन के साथ सीआइआरबी की टीम को पांच लाख रुपये का टीम अवार्ड भी मिला है।
सीआइआरबी की तरफ से क्लोन बनाने का काम 2015-16 में शुरू किया गया था। सबसे पहले हिसार गौरव नस्ल की भैंस का क्लोन तैयार किया। क्लोन तैयार होने के बाद संस्थान ने रिसर्च का काम तेज किया। संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. पीएस यादव की टीम ने रिसर्च तेज की और 8 क्लोन तैयार कर दिए हैं। इन क्लोन में सबसे बेहतर नस्ल के झोटे एम-29 के क्लोन तैयार हैं। डा. यादव के अलावा डा. नरेश एल सेलोकर, डा. धर्मेंद्र कुमार, डा. राकेश कुमार शर्मा, डा. प्रदीप कुमार, डा. राकेश कुमार, डा. मोनिका सैनी, डा. सीमा दुआ ने इस प्रोजेक्ट पर काम किया।
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क्लोन का बनाया क्लोन
संस्थान के वैज्ञानिकों ने नई उपलब्धि हासिल की है। इसमें हिसार गौरव नस्ल के क्लोन से ही आगे वैज्ञानिकों ने क्लोन तैयार किया है। इन क्लोन के तैयार होने से किसानों को काफी लाभ होगा।
तीन साल बाद तैयार हो सकेगा टीका
क्लोन तैयार होने के साथ ही ढाई से तीन साल बाद इसके स्पर्म से टीका तैयार किया जा सकेगा। एक कटड़े के क्लोन से उसकी उम्र में एक से डेढ़ लाख टीके तैयार हो सकेंगे। यानी आठ कटड़ों के क्लोन से 10 से 15 लाख टीके तैयार होंगे। उससे 5 से सात भैंसों को लगाया जा सकेगा। इससे अच्छी नस्ल के झोटे मिल सकेंगे।
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अब भैंस के क्लोन की तैयारी
देश में वैज्ञानिकों ने झोटे के ही क्लोन तैयार किए हैं। हिसार से पहले करनाल के एनडीआरआइ की तरफ से क्लोन तैयार किया गया था। वैज्ञानियों ने बेहतर भैंस मिल सके और किसान उसका लाभ उठा सकें, इसको लेकर अब उसका क्लोन तैयार करने की तैयारी है। इसको लेकर किसानों से बेहतर नस्ल की भैंस के लिए एमओयू साइन किया जाएगा। उसके अलावा संस्थान के पास भी 4000 किलो पर ब्यात में दूध देने वाली भैंस भी मौजूद हैं। उसके अलावा 3000 किलो प्रति ब्यात दूध देने वाली 66 भैंस संस्थान में हैं। भारत देश सबसे ज्यादा क्लोन तैयार करने में सबसे आगे है। चाइना और थाइलैंड में भी क्लोन तैयार हुए हैं लेकिन ज्यादा संख्या भारत में है। झोटे के साथ भैंस के क्लोन तैयार होने से भारत लीड रोल में आएगा।
पूंछ से लेते है टीशू
क्लोन तैयार करने के लिए वैज्ञानिक पशु की पूंछ से टीशू लेते हैं। उसको लैब में रखा जाता है। एक क्लोन तैयार करने की पूरी प्रक्रिया में करीब 10 लाख रुपये का खर्चा आ रहा है। यह सस्ता हो इसको लेकर भी काम किया जा रहा है।
-आठ क्लोन तैयार कर केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानियों ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह क्लोन बेहतर नस्ल के हैं। हम अब भैंस का क्लोन तैयार करने पर ध्यान दे रहे हैं। इससे बेहतर नस्ल की भैंस मिल सकेंगी। उनके संस्थान में ऐसी भैंस मौजूद हैं। जल्द ही इस पर किसानों को साथ लेकर काम शुरू होगा।
– डा. एसएस दहिया, निदेशक, केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान।
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